बलरामपुर, छत्तीसगढ़/ कृषि विज्ञान केन्द्र बलरामपुर में एक्सटेंशन रिफार्म्स (आत्मा) योजना अंतर्गत खरीफ 2025-26 के कार्यक्रम हेतु कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम में उन्नतशील कृषक, कृषक मित्रों द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग बलरामपुर के अधिकारियों के साथ खरीफ 2025-26 में धान, मक्का और तिलहन फसल की वैज्ञानिक खेती पर विस्तृत चर्चा की गई। परिचर्चा में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गौरव कांत निगम द्वारा खरीफ की प्रमुख फसलों में धान, मक्का, रागी एवं तिलहन फसलों की उन्नत किस्म की बीजों का उपयोग एवं बुआई पूर्व बीजों का बीजोपचार करने हेतु विस्तृत जानकारी दी गई, साथ ही खरीफ फसल पूर्व मृदा परीक्षण एवं पोषक तत्व एवं प्रबंधन किए जाने हेतु विस्तृत वैज्ञानिक जानकारी भी प्रदान की गई। खरीफ फसल बुवाई एवं रोपाई हेतु उपयोग में लाए जाने वाली उन्नत कृषि जैसे यंत्र- सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल ट्रांसप्लांटर, पैडी ड्रम सीडर के उपयोग के बारे में बताया गया। कृषि वैज्ञानिक श्रीमती आरती कुजूर द्वारा खरीफ की सब्जी फसलों एवं खरपतवार प्रबंधन हेतु वैज्ञानिक विधि की उपयोग एवं खरीफ मौसम में मल्चिंग द्वारा सब्जी उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कृषि वैज्ञानिक श्री अनिल कुमार सोनपाकर द्वारा प्राकृतिक खेती के विभिन्न उत्पादों जैसे-बीजामृत, जीवामृत धनजीवामृत के उपयोग से फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति एवं नीमास्त्र, प्रमास्त्र एवं अग्निसास्त्र के माध्यम से पौध रोग प्रबंधन की विस्तृत जानकारी भी किसानों को दी गई तथा कृषकों को प्राकृतिक खेती हेतु जागरूक किया गया। प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. अनूप कुमार पाल द्वारा कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र में स्थापित विभिन्न इकाइयों के बारे में बताते हुए प्रक्षेत्र का भ्रमण कराया गया। साथ ही मृदा स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा कृषकों को कार्यक्रम सहायक श्री देवेन्द्र कुमार के द्वारा मछली पालन की वैज्ञानिक विधि के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम में कृषकों को प्राकृतिक खेती के अंतर्गत तकनीकी फोल्डर एवं फलदार पौधे का वितरण किया गया।