दिलेश नेताम, गरियाबंद/ छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के युवा जलवायु कार्यकर्ता तुमलेश कुमार नेटी ने एक और गौरवशाली उपलब्धि हासिल की है। उन्हें ब्रिंग बैक ग्रीन फाउंडेशन द्वारा संचालित और यूनिसेफ इंडिया के युवाह के सहयोग से आयोजित नेशनल यूथ क्लाइमेट कंसोर्टियम (NYCC) के दूसरे बैच के 35 क्लाइमेट चैंपियंस में शामिल किया गया है। यह प्रतिष्ठित फ़ेलोशिप 18 से 29 वर्ष के उन युवाओं को सम्मानित करती है जो जलवायु-लचीला (climate-resilient) समुदाय बनाने के लिए स्थानीय स्तर पर ठोस पहल कर रहे हैं। इस बार के चयनित बैच में भारत के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं, जिनमें द्वीपीय और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र भी सम्मिलित हैं। विविधता और समावेशिता के प्रतीक इस बैच में आधे से अधिक फेलो महिलाएं हैं और एक-तिहाई से अधिक आदिवासी व स्वदेशी समुदायों से आते हैं।फ़ेलोशिप यात्रा की शुरुआत में ही तुमलेश ने 25 से 28 जुलाई 2025 तक देहरादून में आयोजित ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (ToT) कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्हें स्टेकहोल्डर एंगेजमेंट, स्टोरीटेलिंग, नीति वकालत और युवा-नेतृत्व वाली एडवोकेसी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षण मिला। आगामी छह महीनों तक चलने वाली इस फ़ेलोशिप में प्रत्येक क्लाइमेट चैंपियन को अपनी-अपनी परियोजना के माध्यम से स्थानीय समुदायों से जुड़ने, सरकारी स्टेकहोल्डर्स के साथ काम करने और स्थायी बदलाव लाने का अवसर मिलेगा। इस दौरान उन्हें माइक्रोग्रांट, अनुभवी मेंटर्स और 25-सदस्यीय तकनीकी संसाधन समूह से मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पिछले वर्ष की फ़ेलोशिप ने पूरे देश में 65,000 से अधिक युवाओं और समुदाय के सदस्यों तक प्रभाव डाला था और इसके कई पूर्व छात्र COP29 जैसे वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उम्मीद है कि इस वर्ष का बैच भी COP30 जैसे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में देश की युवा आवाज़ को बुलंद करेगा और नीति-निर्माण में जमीनी दृष्टिकोण को शामिल करेगा।
तुमलेश कुमार नेटी इस फ़ेलोशिप के अंतर्गत अपनी अनूठी परियोजना ‘युवा संवाद (संस्कृति और प्रकृति के साथ)’ पर कार्य करेंगे। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आदिवासी युवाओं और बुजुर्गों के बीच संवाद को पुनर्जीवित करना है, ताकि कहानियों और संवादों के माध्यम से सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय मूल्यों का संरक्षण किया जा सके। इसके तहत युवाओं को मीडिया प्रशिक्षण मिलेगा, समुदाय स्तर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और #हमरकहानी जैसी सोशल मीडिया पहल के जरिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए तुमलेश ने कहा कि युवा संवाद मेरे लिए सिर्फ एक परियोजना नहीं बल्कि हमारी संस्कृति और प्रकृति के बीच पुल बनाने का प्रयास है। मैं चाहता हूँ कि हमारी पीढ़ी अपनी जड़ों को समझे और आने वाली पीढ़ियाँ जलवायु संकट से निपटने में नेतृत्व कर सकें।
नेशनल यूथ क्लाइमेट कंसोर्टियम का मानना है कि जलवायु संकट की सबसे आगे की लड़ाई उन्हीं युवाओं द्वारा लड़ी जा रही है, जिन्हें इसके प्रभाव सबसे पहले झेलने पड़ते हैं। यही कारण है कि NYCC न केवल उनकी आवाज़ों को ताकत देता है, बल्कि जमीनी सच्चाइयों और वैश्विक नीतिगत मंचों के बीच की दूरी को पाटने का काम भी करता है। इस पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जलवायु समाधान न केवल समावेशी हों, बल्कि समुदाय-आधारित और स्थायी भी हों। इस उपलब्धि ने न सिर्फ गरियाबंद बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को गौरवान्वित किया है, क्योंकि अब प्रदेश का एक युवा जलवायु योद्धा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।