Sunday, August 24, 2025
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आबकारी घोटाले में चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड पर ईडी ने कोर्ट में रखी मांग, जमानत नहीं, ईडी को चाहिए आमने-सामने पूछताछ का मौका

राजनांदगांव/ छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित आबकारी घोटाले की गुत्थी दिन-ब-दिन और उलझती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल को पांच दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेने के लिए पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया है। एजेंसी का कहना है कि अब तक की पूछताछ में कई नए तथ्य सामने आए हैं और इन्हें सामने रखने के लिए आरोपी से आमने-सामने गहन पूछताछ जरूरी है। शनिवार को चैतन्य बघेल की न्यायिक रिमांड पूरी होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया। इस दौरान ईडी ने तत्काल कस्टोडियल रिमांड की मांग रखी, लेकिन कंडोलेंस (शोक कार्यक्रम) के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी और इसे रविवार तक के लिए टाल दिया गया। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल चैतन्य की न्यायिक रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी है और अब कस्टोडियल व न्यायिक रिमांड पर विस्तृत सुनवाई रविवार को होगी।

ईडी का तर्क है कि चैतन्य बघेल से पूछताछ में ऐसे कई सुराग हाथ लगे हैं जो घोटाले के बड़े नेटवर्क और मनी लॉन्ड्रिंग की परतें खोल सकते हैं। एजेंसी का मानना है कि इस घोटाले में कारोबारी, नौकरशाह और राजनीतिक लोगों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की अवैध कमाई हुई। दूसरी ओर इस मामले ने प्रदेश की राजनीति को और गरमा दिया है। कांग्रेस इसे भाजपा सरकार की राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दे रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी बड़े परिवार से क्यों न जुड़ा हो।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही इस पूरे प्रकरण को भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा रचा गया परिवार को निशाना बनाने का षड्यंत्र बता चुके हैं। उनका कहना है कि कानून की आड़ लेकर विपक्षी नेताओं और उनके परिजनों को परेशान किया जा रहा है। गौरतलब है कि आबकारी घोटाला राज्य में शराब वितरण और परमिट प्रक्रिया में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसे लेकर ईडी का दावा है कि यह एक संगठित नेटवर्क है जिसमें भारी-भरकम मनी लॉन्ड्रिंग की गई है और अब जांच उस दिशा में आगे बढ़ रही है।

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