दुर्गूकोंदल, छत्तीसगढ़/ विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2025, 28 जुलाई को “लोगों और पौधों को जोड़ना, वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज” थीम के साथ अंतर्राष्ट्रीय जग मितान परिषद मुख्यालय नैसर्गिक पर्यावरण शिक्षा निकेतन ज्ञान बाड़ा के जंगो रायतर विद्या केतूल शिक्षण एवं शोध संस्थान दमकसा में विश्व प्राकृतिक संरक्षण दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें प्रकृति पूजा सेवा अर्जी विनती किया गया, और शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय दमकसा के 12वीं के छात्र-छात्राओं को विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2025 की थीम जैव विविधता के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जिसमें मुख्य भूमिका गोंडी धर्माचार्य पर्यावरण विद शेरसिंह आचला जी नें निभाई |वहीं श्री आचला जी ने कहा कि विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है, इसके इतिहास, वैश्विक घटनाओं और प्रकृति को बचाने में आप कैसे योगदान दे सकते हैं, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस की शुरुआत 1990 के दशक के अंत में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के सहयोग से हुई थी। जिसका उद्देश्य प्रकृति और जैव विविधता के महत्व को बढ़ावा देना और पर्यावरण से संबंधित विषयों के बारे में जागरूकता फैलाना है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस एक विशेष दिन है जो सभी को पृथ्वी की रक्षा के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिवस 28 जुलाई को प्रकृति से जुड़ने और पौधों व वन्यजीवों की रक्षा के लिए आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने का एक सशक्त संदेश लेकर मनाया जाता है। पेड़ लगाकर, कचरा कम करके और जागरूकता फैलाकर, हम सभी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित और सुरक्षित दुनिया बनाने में अपना योगदान दे सकते हैं। यह दिन हमें प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूक करता है और हमें अपने आसपास के प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है।विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का इतिहास और महत्व यह दिवस 1973 में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ द्वारा शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा करना है। यह दिन हमें प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहने और सतत विकास की आवश्यकता के बारे में जागरूक करता है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2025 की थीम इस साल की थीम जैव विविधता की रक्षा, क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्रों को पुनर्स्थापित करने और एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है। यह थीम हमें प्रकृति के संरक्षण में सामूहिक कार्रवाई और जिम्मेदारी के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती है। विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस कैसे मनाएं वृक्षारोपण अभियान और पुनर्वनीकरण कार्यक्रमों में भाग लें।- प्राकृतिक संसाधनों का संयमित उपयोग करें और अपशिष्ट प्रबंधन, पुनः उपयोग, और रीसाइक्लिंग को अपनाएं।निष्क्रिय हो चुकी प्राकृतिक प्रणालियों को पुनर्जीवित करने और एक स्थायी भविष्य की कल्पना करने के लिए काम करें, विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस 2025 का आधिकारिक विषय है “लोगों और पौधों को जोड़ना, वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज”। इसका अर्थ है कि हमें प्रकृति से जुड़े रहना चाहिए और पौधों व जानवरों की रक्षा के लिए उपग्रहों, ऐप्स और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। यह विषय भारत में LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) आंदोलन का भी समर्थन करता है, जो हमारे दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलावों को बढ़ावा देता है, जैसे पानी की बचत और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का उपयोग, ताकि ग्रह की रक्षा की जा सके। और कार्यक्रम में अपने अपने घरो में कम से कम एक पेड़ लगाने की अपील की, कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य कुमुद ध्रुव,व्याख्याता आलोक त्रिवेदी, पीटीआई मनोज दरियो, सहित संस्था के स्टाप के साथ स्कूली छात्र छात्राएं उपस्थित रहें |