Saturday, July 26, 2025
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शराब पकड़ने गई टीम की कार्रवाई से आदिवासी महिला की हुई संदिग्ध मौत, बच्चों पर से टूटा मातृत्व का साया

डर के साये में आदिवासी अंचल, कार्रवाई के दौरान गड्ढे में गिरी महिला की नागपुर में मौत

कच्ची शराब के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच आदिवासी महिला की हुई मौत, गांव में छाया आक्रोश और चिंता

सिवनी,मध्यप्रदेश/ नशा के खिलाफ सतत अभियान के तहत पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब बनाने और बेचने वालों के विरुद्ध सघन धरपकड़ कार्रवाई की जा रही है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब निर्माण को रोकने के लिए नियमित छापेमारी अभियान चलाया जाता है, जिसमें पुलिस वर्दीधारी कर्मचारियों के साथ कुछ सिविल ड्रेसधारी व्यक्ति भी शामिल रहते हैं। अक्सर इन कार्रवाइयों में शराब ठेकेदारों से जुड़े लोगों की भी भूमिका सामने आती रही है।

हाल ही में ऐसा ही एक मामला सिवनी जिले के डूण्डासिवनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गहरानाला में सामने आया है, जहां एक आदिवासी महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई। ग्रामीणों की चर्चा के अनुसार 17 जुलाई 2025 को पुलिस व आबकारी विभाग की टीम शराब पकड़ने के लिए गहरानाला और सुराजीटोला इलाके में गई थी। वहां कुछ पुलिसकर्मी वर्दी में थे और उनके साथ कुछ व्यक्ति सिविल ड्रेस में मौजूद थे। कार्रवाई के दौरान ये लोग शराब बनाने वालों का पीछा करते हुए दौड़ रहे थे। उसी समय एक आदिवासी महिला जो बकरी चराने जंगल की ओर गई थी, अचानक सामने वर्दीधारी और अन्य लोगों को अपनी ओर दौड़ते देख डरकर भागने लगी और इस दौरान वह एक गहरे गड्ढे में गिर गई, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई। घटना के वक्त वह अकेली थी, इसलिए तत्काल किसी को जानकारी नहीं हो पाई। बाद में सुराजीटोला के कुछ ग्रामीणों ने उसे गंभीर अवस्था में देखा और अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे नागपुर रेफर किया गया। उपचार के दौरान आदिवासी महिला की मौत हो गई। 20 जुलाई को गहरानाला गांव में परिजनों और ग्रामीणों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरी चिंता और असमंजस की स्थिति है। मृतक महिला के पति की मृत्यु लगभग 8-10 वर्ष पूर्व हो चुकी थी और उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जो अब पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। बच्चों के भविष्य को लेकर ग्रामीणों में चिंता का माहौल है। घटना को लेकर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि घटना स्थल पर मौजूद वर्दीधारी आखिर पुलिस विभाग से थे या आबकारी से, और उनके साथ सिविल ड्रेस में चल रहे लोग कौन थे। आदिवासी महिला की मृत्यु के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है, और उसके बच्चों के अनाथ हो जाने की जवाबदेही किसकी है, इस घटना को लेकर क्षेत्र में चर्चा जारी है। वहीं इस दुखद घटना की सच्चाई क्या है, यह अभी भी पर्दे में है और इसकी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।

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