17 से 30 जून तक विशेष शिविरों के माध्यम से होगा जनजातीय समुदायों का समावेशी विकास
एमसीबी, छत्तीसगढ़ /भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के तहत मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 17 जून से 30 जून 2025 तक विशेष ग्राम स्तरीय विकास शिविरों की शुरुआत की गई है। इन शिविरों का उद्देश्य जिले के जनजातीय समुदायों को केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से प्रत्यक्ष रूप से जोड़कर उनका समावेशी, समग्र एवं सतत विकास सुनिश्चित करना है। इस महत्त्वपूर्ण अभियान का शुभारंभ जिला कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशन में किया गया। अभियान के तहत जिले के तीनों विकासखंड मनेन्द्रगढ़, खडगवां और भरतपुर के कुल 151 चिन्हित जनजातीय ग्रामों को क्लस्टर के रूप में विभाजित कर, गांव-गांव जाकर विकास शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान के प्रथम दिन मनेन्द्रगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत डुगला एवं खडगवां विकासखंड के ग्राम पंचायत बोड़ेमुड़ा में शिविरों का आयोजन किया गया, जहां ग्रामीणों की उल्लेखनीय सहभागिता देखने को मिली। ग्रामीणों ने सरकार की योजनाओं के प्रति गहरी जिज्ञासा एवं उत्साह दिखाया, जिससे शिविरों में सकारात्मक माहौल बना रहा। इन शिविरों के माध्यम से केंद्र सरकार के 17 मंत्रालयों की 25 प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजन को दी जा रही है तथा पात्र लाभार्थियों को तत्काल लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। इनमें प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं – आधार कार्ड, राशन कार्ड, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र, आयुष्मान भारत योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री जनधन योजना, वृद्धावस्था/विधवा/दिव्यांग पेंशन योजनाएं, नरेगा जॉब कार्ड, पीएम विश्वकर्मा योजना, मुद्रा लोन, एवं मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवाएं। अभियान का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं और आजीविका के क्षेत्रों में सशक्त बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकें। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अभियान की सतत निगरानी की जा रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजनाओं का लाभ समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पात्र जनों तक पहुंचे। शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि एवं फील्ड कर्मचारी सक्रिय रूप से सहभागी बनकर जनसेवा में तत्पर हैं। ग्रामीणों में इस अभियान को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है, जो सरकार और समाज के बीच विश्वास एवं सहभागिता को और अधिक मजबूत कर रहा है।
“धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” न केवल जनजातीय क्षेत्रों के विकास की दिशा में एक सार्थक पहल है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, समावेशन और अंतिम व्यक्ति तक विकास की पहुंच को मूर्त रूप देने का सशक्त माध्यम भी बनता जा रहा है।