संविधान में निहित सवैंधानिक सुरक्षोपाय और अनुच्छेदों के मायने’ विषय पर हुई वैचारिक संगोष्ठी
छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले हुआ आयोजन
रायपुर, छत्तीसगढ़: भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर स्थित शहीद स्मारक भवन में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विभगीय जाँच आयुक्त श्री दीलिप वासनीकर जी मुख्य अतिथि के रूप में तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री रतन लाल डांगी, निदेशक , राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी, श्री महादेव कावरे ,आयुक्त रायपुर संभाग, डां लक्षमण भारती, प्रांताध्यक्ष अजाक्स, श्री आर एन चंद्रवंशी, महासचिव, अनु़़जनजाति शासकीय सेवक संघ, श्री जी एस मंडावी, महासचिव, राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ, श्री मती अंजु मेश्राम, डायरेक्टर माता सावित्रीबाई फुले एकाडेमी रायपुर, डां स्नेह लता हुमने, श्री विश्वास मेश्राम, अध्यक्ष छग विज्ञान सभा को फाऊंडेसन सोजलीफ, डां शंकर लाल ऊइके, उपाध्यक्ष ,अनु जाति, जनजाति संघ, श्री एम आर धुव, जनजाति सेवक संघ, श्री हर्ष मेश्राम, उपाध्यक्ष विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग संघ, श्री राजेन्द्र प्रसाद भतपहरी, प्रदेश अध्यक्ष, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज, श्री विनोद भारती प्रदेश संरक्षक, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज, श्री एस एस के सोनवानी, गुरु घासीदास गृह निर्माण सहकारी समिति रायपुर, श्री अनिल मेश्राम , प्रान्त अध्यक्ष दि बुद्धिस्ट सोसाइटी, श्री करन सिंह अटेरिया प्रदेश अध्यक्ष, अधिकारी कर्मचारी संघ, सहित अनेक संगठन पदाधिकारी शामिल हुए। समारोह में समाज के विभिन्न वर्गों के अधिकारी, कर्मचारी, बुद्धिजीवी, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद उपस्थित अतिथियों ने बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की, राजनांदगांव के मास्टर सम्राट यथार्थ भारती के द्वारा संविधान प्रस्तावना का सामुहिक वाचन कराया गया । सभी वकताओ ने बाबा साहेब डां अम्बेडकर के जीवन, संघर्ष व विचारों को याद किया।
वैचारिक संगोष्ठी का हुआ आयोजन
श्री विनोद कुमार कोसले, संविधान के जानकर को फाऊंडर सोजलीफ के द्वारा संविधान के प्रावधानित विभिन्न अनुच्छेद की विस्तृत जानकारी दी गई। समारोह के मुख्य आकर्षण के रूप में “संविधान में निहित सवैंधानिक सुरक्षोपाय और अनुच्छेदों के मायने” विषय पर एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में संविधान विशेषज्ञ, शिक्षाविद, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी वक्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने संविधान में वर्णित आरक्षण व्यवस्था, मौलिक अधिकार, सामाजिक न्याय, समानता और अवसरों की समानता जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की।
वक्ताओं ने कहा, “बाबा साहब ने भारतीय समाज को न्याय, समानता और बंधुता के सिद्धांतों पर आधारित एक सशक्त संविधान दिया। आज जरूरत है कि हम उनके द्वारा दिए गए अधिकारों को जानें, समझें और उनका प्रयोग करें।” उन्होंने कहा, “आज भी समाज में कई वर्गों को सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बाबा साहब के विचारों को आत्मसात करना और संविधान में प्रदत्त अधिकारों की जानकारी रखना अत्यंत आवश्यक है।” इस अवसर पर समाज सेवा, शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों ने भी मंच के माध्यम से अपने विचार रखे।
इस अवसर लेख राम मात्रा,कपूर चंद डोंगरे,गेवा राम नेताम,शत्रुघन नेताम,जय प्रकाश नेगी,महेश बरिहा,नंद कुमार ध्रुव,जी एन भोई,शैलेश कुमार,संतोष जांगड़े,नीलेश रामटेके,बनवारी पेन्द्रो,सुषमा सिंह पैकरा,भाग लाल कोशले,परस बंजारे,अजय कुजूर,दीपक लकड़ा,विजय हिरवानी,बसंत नारंग,सुरेश नारंग,दौलत ध्रुव, जगत पाल पेन्द्रो , मालिक राम राज , भोला सिंह मरकाम , डानेश्वर राजन , सुखसेन सिंह , प्रीत राम चुरेन्द्र , सुनीति पैकरा , साएबानी मांझी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। फेडरेशन के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम की सफलता पर सभी प्रतिभागियों और आगंतुकों का आभार व्यक्त किया और कहा कि बाबा साहब के सिद्धांत आज भी मार्गदर्शक हैं और हम सभी का कर्तव्य है कि उनके सपनों के समाज के निर्माण में सहभागी बनें।