शुक्रवार मरावी, कोरबा/मानिकपुर: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की तैयारियों ने गांव-गांव में हलचल बढ़ा दी है। जनपद पंचायत पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम पंचायत मानिकपुर में भी चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार चुनाव में कई नए प्रत्याशी सामने आए हैं, जो ग्राम विकास को प्राथमिकता देने का संकल्प व्यक्त कर रहे हैं। इन्हीं में से एक प्रत्याशी परमेश्वरी सुरेश मरावी हैं, जिन्होंने सरपंच पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। ग्रामीणों से समर्थन मांगते हुए उन्होंने विकास को अपनी मुख्य प्राथमिकता बताया है और ग्रामवासियों को विश्वास दिलाया कि वे सभी वर्गों के सहयोग से गांव का समग्र विकास सुनिश्चित करेंगी।
मानिकपुर पंचायत में इस बार चुनावी माहौल में उत्साह और जागरूकता का अनूठा मिश्रण देखने को मिल रहा है। युवाओं की सक्रिय भागीदारी से चुनाव प्रचार में नई ऊर्जा दिखाई दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार विकास कार्यों को लेकर प्रत्याशी गंभीर दिख रहे हैं और गांव की भलाई को लेकर अपनी-अपनी योजनाएं सामने रख रहे हैं । ग्राम पंचायत मानिकपुर में कई वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता महसूस की जा रही है। शुद्ध पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, सड़क निर्माण और रोजगार के अवसर जैसे मुद्दे ग्रामीणों के लिए अहम रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों द्वारा इन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी-अपनी कार्ययोजनाएं प्रस्तुत की जा रही हैं।
परमेश्वरी सुरेश मरावी ने अपने प्रचार अभियान में ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि यदि उन्हें ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी मिलती है, तो वे पंचायत को विकास की ओर ले जाने का हरसंभव प्रयास करेंगी। उन्होंने अपने प्रचार में बताया कि उनके सामने गांव के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषय हैं, जिन पर वे विशेष ध्यान देंगी। इनमें प्रमुख रूप से स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, बच्चों की बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और रोजगार सृजन की दिशा में प्रयास शामिल हैं। उनका कहना है कि ग्राम पंचायत का विकास तभी संभव है जब सभी ग्रामीण एकजुट होकर अपने अधिकारों और जरूरतों को समझें और उनके समाधान के लिए सहयोग करें। चुनाव प्रचार के दौरान महिलाओं में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीण महिलाएं मानती हैं कि जब पंचायत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, तब उनकी समस्याएं भी प्रभावी रूप से सामने आएंगी और उनका समाधान संभव हो सकेगा। मानिकपुर की एक बुजुर्ग महिला देवकुंवर बाई कहती हैं, कि “अब समय आ गया है कि महिलाओं को भी पंचायत में नेतृत्व का अवसर मिले, ताकि गांव का विकास एक नई दिशा में आगे बढ़ सके।”
युवाओं की बात करें तो वे इस चुनाव में काफी सक्रिय हैं। गांव के युवा सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों के जरिए जागरूकता फैलाने में जुटे हैं। उनका मानना है कि नई सोच और नई ऊर्जा के साथ पंचायत का विकास तेजी से हो सकता है। गांव की प्रमुख समस्याओं में से एक शुद्ध पेयजल की समस्या को लेकर विशेष चर्चा हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी के दिनों में पानी की कमी एक गंभीर मुद्दा बन जाती है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशियों ने इस समस्या को हल करने के लिए अपने-अपने स्तर पर कार्ययोजनाएं प्रस्तुत की हैं।स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो ग्रामीणों को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच और आवश्यक उपचार की सुविधा नहीं मिल पाती। प्रचार के दौरान यह मुद्दा भी चर्चा में रहा और प्रत्याशियों ने आश्वासन दिया कि यदि उन्हें जनता का समर्थन मिलता है, तो इस समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
शिक्षा को लेकर भी ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी है। कई अभिभावकों ने बताया कि वे चाहते हैं कि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और गांव में शैक्षणिक माहौल बेहतर हो। प्रत्याशियों ने इस संबंध में आश्वस्त किया है कि वे विद्यालयों में सुविधाओं में सुधार के लिए कार्य करेंगे। सड़क और परिवहन व्यवस्था का मुद्दा भी ग्रामीणों के लिए महत्वपूर्ण है, बरसात के समय में गांव की सड़कों की हालत खराब हो जाती है, जिससे आवागमन में कठिनाई होती है। चुनाव प्रचार के दौरान यह विषय भी प्रमुख रूप से सामने आया। प्रत्याशियों ने बताया कि यदि जनता उन्हें जिम्मेदारी सौंपती है, तो वे सड़कों की मरम्मत और नए संपर्क मार्गों के निर्माण को प्राथमिकता देंगे। चुनाव प्रचार के दौरान यह बात स्पष्ट रूप से उभर कर आई कि इस बार ग्रामीण विकास ही सभी प्रत्याशियों का प्रमुख मुद्दा है। मानिकपुर के ग्रामीण भी इस बार विकास कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं और सोच-समझकर अपने मताधिकार का प्रयोग करने की बात कर रहे हैं।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में मानिकपुर के ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट हो गया है कि वे अब बदलाव और विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। चुनावी माहौल में चर्चा इस बात की हो रही है कि इस बार किसे मौका मिलेगा और कौन गांव के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। आचार संहिता के नियमों का पालन करते हुए सभी प्रत्याशी शांतिपूर्ण और सकारात्मक तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ग्रामीण प्रशासन ने भी सभी मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे किसी भी प्रकार के प्रलोभन से बचते हुए अपने मत का उपयोग करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाएं।