Sunday, March 16, 2025
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महापौर और अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के लिए तय हुई व्यय सीमा, पारदर्शिता सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

एमसीबी, छत्तीसगढ़: कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में नगर पालिकाओं के नगरीय निकाय आम चुनाव 2025 को लेकर बैठक आयोजित की गई। इसमें निर्वाचन व्यय मॉनिटरिंग टीम का गठन कर प्रत्याशियों के खर्च की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही उन्होंने आगे बताया कि महापौर और अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों के लिए व्यय सीमा तय की गई है। 2011 की जनगणना के आधार पर पाँच लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगमों में महापौर पद के लिए 25 लाख रुपए और तीन लाख से कम जनसंख्या वाले निगमों में 15 लाख रुपए की सीमा तय की गई है। वहीं नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए जहां पचास हजार से कम जनसंख्या है, वहां व्यय की सीमा 8 लाख रुपए होगी और जहां पचास हजार और उससे अधिक है तो वहां व्यय सीमा 10 लाख रुपए तक की होगी। जबकि नगर पंचायत के सभी अध्यक्ष पद के लिए व्यय सीमा 6 लाख रुपए रखी गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस बैठक में निर्देश दिए है कि प्रत्येक प्रत्याशी को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने से पूर्व एक अलग बैंक खाता खोलना अनिवार्य होगा। चुनाव प्रचार से जुड़े सभी खर्च इसी खाते से किए जाएंगे और सभी स्रोतों से प्राप्त धनराशि को इसी खाते में जमा करना होगा। निर्वाचन व्यय के संधारण हेतु प्रत्याशियों को प्रारूप ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ प्रदान किए जाएंगे, जिनमें दैनिक आय-व्यय का स्पष्ट विवरण दर्ज करना आवश्यक होगा। प्रारूप ‘क’ में तिथि अनुसार प्राप्त राशि और व्ययों का विवरण, स्रोत, प्राप्ति राशि का प्रकार और भुगतान का माध्यम दर्ज करना होगा, जबकि प्रारूप ‘ख’ में संपूर्ण व्यय का सारांश होगा। प्रारूप ‘ग’ में प्रत्याशी को अपने संपूर्ण लेखे का सत्यापन करते हुए शपथ पत्र जमा करना होगा। वहीं चुनाव प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रत्याशियों को अपने खर्चों का निरीक्षण कम से कम दो बार कराना अनिवार्य होगा। पहला निरीक्षण नामांकन दाखिल करने के चार दिन के भीतर और दूसरा मतदान से दो दिन पूर्व कराया जाएगा। इसके अलावा, जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी या व्यय प्रेक्षक आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त निरीक्षण भी कर सकते हैं। मतदान परिणाम घोषित होने के 30 दिनों के भीतर प्रत्याशियों को अपना अंतिम व्यय विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसमें प्रारूप ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के साथ सभी खर्चों की रसीदें, वाउचर और देयक संलग्न करना अनिवार्य होगा। यदि कोई प्रत्याशी संपूर्ण विवरण प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो उसके व्यय लेखे को अधूरा माना जाएगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रावधान भी किया गया कि कोई भी व्यक्ति 50 रुपये का शुल्क देकर किसी भी प्रत्याशी के व्यय खाते का अवलोकन कर सकता है। इसके अतिरिक्त राजस्व अभिलेखों की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने की निर्धारित दर से वह संपूर्ण लेखा या उसके किसी भाग की प्रमाणित प्रति भी प्राप्त कर सकता है।

इस बैठक में कोषालय अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन सुपरवाईजर अभिनंदन मिश्रा एडीओ, राजेश सिंह कुशवाहा असि. ग्रेड-2, अविनाश जायसवाल, मयंक पटेल असि. मैनेजर, पुष्पराज सिंह परिहार एकाउंटेंट, अशोक कुमार यादव जू. असि. ऑफिसर, संजय पाण्डेय एएसआई और आकाश केशरवानी के सहित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

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