रायपुर, छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विकास, किसानों के कल्याण, युवाओं के कौशल विकास और औद्योगिक प्रगति के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों में राज्य के 27 लाख किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान की कीमत 3100 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार अतिरिक्त 800 रुपए प्रति क्विंटल की राशि फरवरी 2025 में एकमुश्त आदान सहायता के रूप में किसानों को प्रदान करेगी। यह कदम किसानों की आय में वृद्धि और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान उपार्जित अतिरिक्त धान को नीलाम करने के लिए सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया है। इससे न केवल नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि बाजार की मांग और कीमतों में स्थिरता भी सुनिश्चित होगी। औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, मंत्रिपरिषद ने एचव्ही-4 श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं, विशेषकर मिनी स्टील प्लांट और स्टील उद्योगों को राहत देने का निर्णय लिया। इन उद्योगों को ऊर्जा प्रभार में 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक प्रति यूनिट एक रुपए की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट उन उद्योगों के लिए होगी जिनके कैप्टिव पावर प्लांट नहीं हैं या जो एक मेगावाट से कम हैं और जिनका लोड 2.5 एमव्हीए से अधिक है। यह कदम औद्योगिक मंदी के दौरान प्रतिस्पर्धा बनाए रखने और इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
राज्य के कलाकारों और लेखकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ कलाकार कोष नियम 1982 में संशोधन करते हुए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ा दिया है। अब कलाकारों और लेखकों को अधिकतम 50,000 रुपए की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि मृत्यु के मामले में उनके आश्रितों को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे राज्य के कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे आर्थिक कठिनाइयों के समय बेहतर मदद प्राप्त कर सकेंगे। युवाओं को वित्तीय क्षेत्र में कौशल प्रदान करने और उनके ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया है। यह छात्र स्किलिंग प्रोग्राम हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए संचालित किया जाएगा, जिससे वे वित्तीय बाजार, निवेश और वित्तीय नियोजन के क्षेत्र में आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त कर सकें।
राज्य में वाणिज्यिक कर विभाग के तहत एक नए पद का सृजन किया गया है। मंत्रिपरिषद ने अपर आयुक्त आबकारी (वेतन मैट्रिक्स लेवल-15) के पद को स्वीकृति दी है। यह कदम विभाग के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में उठाया गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए, नवा रायपुर अटल नगर में श्री सत्य सांई हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट को पांच एकड़ भूमि निःशुल्क आबंटित की जाएगी। इसके अतिरिक्त, आर्ट ऑफ लिविंग सेंटर की स्थापना के लिए नवा रायपुर अटल नगर में 40 एकड़ भूमि रियायती दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया गया है। इससे स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में नई संभावनाएं उत्पन्न होंगी।
नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण की भूमि क्रय नीति, 2017 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा निर्मित पांच वर्ष से अधिक समय से नहीं बिके हुए आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों को एकमुश्त निपटान के लिए लागत मूल्य से 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 30 प्रतिशत छूट देकर विक्रय किया जाएगा। इससे अटकी हुई संपत्तियों का तेजी से निपटान होगा और प्राधिकरण को वित्तीय मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत राज्य में एक लाख 32 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए कुल अनुदान राशि 3938.80 करोड़ रुपए स्वीकृत की गई है। इस योजना के तहत, मकान निर्माण पूरा होने या गृह प्रवेश के समय हितग्राहियों को अनिवार्य राज्यांश के रूप में 1450 करोड़ रुपए और अतिरिक्त राज्यांश के रूप में 538 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे। यह योजना शहरी क्षेत्रों में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए, मंत्रिपरिषद ने रेडी-टू-ईट निर्माण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। पहले चरण में यह कार्य पांच जिलों में लागू किया जाएगा। इससे न केवल महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी मदद मिलेगी। पंचायत राज अधिनियम, 1993 के तहत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व और आरक्षण से संबंधित प्रावधानों में संशोधन के लिए जारी अध्यादेश की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देने और वंचित वर्गों को बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।