कोरबा, छत्तीसगढ़/ कोरबा जिले के पौड़ी उपरोड़ा विकासखंड में कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां 11वीं कक्षा की एक छात्रा ने छात्रावास में ही प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया और उसे अपनी रूम की खिड़की से बाहर फेंक दिया। इस घटना में नवजात के पैर में चोट आई, जिसे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती कराया गया है।
घटना की खुलासा होते ही प्रशासन की कार्रवाई शुरू
जब छात्रावास अधीक्षिका को इस घटना की जानकारी हुई, तो उन्होंने छात्रा से पूछताछ की। शुरुआत में छात्रा ने अपने प्रसव से साफ इनकार कर दिया, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने छात्रावास अधीक्षिका को निलंबित कर दिया और उन्हें कटघोरा के विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय स्थानांतरित कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि नवजात करीब 7-8 महीने का प्रीमेच्योर बच्चा है। ऑक्सीजन की कमी के कारण उसे विशेष देखभाल में रखा गया है। नवजात के पैर में चोट के निशान पाए गए हैं और उसे हीटर के माध्यम से गर्म किया जा रहा है। फिलहाल बच्चे की स्थिति नाजुक बनी हुई है।
प्रेम-प्रसंग का शक और सवालों के घेरे में व्यवस्था
इस मामले को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर देखा जा रहा है। छात्रा के परिजनों का कहना है कि उन्हें कभी भी उसकी गर्भावस्था की जानकारी नहीं थी। वहीं, सवाल यह भी उठता है कि छात्रावास जैसी सरकारी व्यवस्था में इस तरह की घटना कैसे हुई और इतने महीनों तक कोई इसकी भनक क्यों नहीं लगा पाया।
पुलिस टीम की जांच जारी
इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। छात्रावास की अधीक्षिका ने बताया कि बच्चों की रोने की आवाज सुनने पर नवजात को पाया गया था। प्रशासन ने घटना की गहराई से जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। यह घटना सरकारी छात्रावास की सुरक्षा और निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। अब सभी की निगाहें पुलिस और प्रशासन की जांच पर टिकी हैं, जो घटना के असल कारणों और जिम्मेदारों का खुलासा करेगी।