बलिया, मध्यप्रदेश/ बलिया कलेक्ट्रेट स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरक्षा गोंड जी की द्वितीय पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई और “रामरक्षा गोंड अमर रहें” के नारों से वातावरण गूंज उठा। कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला संरक्षक सुमेर गोंड ने रामरक्षा गोंड जी के जीवन और उनके बलिदान को याद करते हुए कहा कि “रामरक्षा गोंड जी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी हमें यह सिखाते हैं कि देश की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष करना हमारा कर्तव्य है। उनकी संघर्ष गाथा हमें अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक और समाज के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण बनाती है।”
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरक्षा गोंड जी का जन्म बलिया जिले के सिकंदरपुर तहसील के ग्राम खरीद में हुआ था। वे एक साधारण गोंड समुदाय परिवार में जन्मे थे। उनके पिता का नाम लक्ष्मण गोंड और माता का नाम रुक्मिणी देवी था। बचपन से ही वे अपने माता-पिता से ईमानदारी और समाज सेवा के संस्कार सीखते रहे। उनकी युवा अवस्था में ही अंग्रेजों के अन्यायपूर्ण शासन और आदिवासी समाज पर होने वाले अत्याचारों ने उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में कूदने के लिए प्रेरित किया। रामरक्षा गोंड जी ने अपने जीवन को देश और अपने समाज के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों का विरोध किया और अपने नेतृत्व में गोंड समुदाय के लोगों को संगठित कर स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल किया। उनके नेतृत्व में कई आंदोलनों का संचालन किया गया, जिनमें कर बहिष्कार आंदोलन और जल-जंगल-जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष शामिल थे।
रामरक्षा गोंड समाज सुधारक के रूप में दिया था महत्वपूर्ण योगदान
रामरक्षा गोंड जी केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने समाज में शिक्षा और समानता को बढ़ावा दिया और युवाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयासों से गोंड समाज में शिक्षा का प्रसार हुआ और उन्होंने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई।
द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
उनकी द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला संरक्षक सुमेर गोंड के साथ कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मनोज शाह, सुरेश शाह, सुदेश मंडावी, श्रीपति गोंड, सिकंदर गोंड, शंकर गोंड, शनि गोंड, लक्ष्मण गोंड और अरविंद गोंडवाना ने भी हिस्सा लिया। सभी ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि रामरक्षा गोंड जी का जीवन आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी संघर्ष गाथा हमें बताती है कि सच्चा नेतृत्व त्याग और समर्पण से ही संभव है। वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हमें उनके आदर्शों और विचारों को जीवित रखना चाहिए और उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इस अवसर पर रामरक्षा गोंड जी की स्मृति में हर वर्ष इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में गोंड समाज के लोग और अन्य श्रद्धालु शामिल हुए। रामरक्षा गोंड जी का नाम इतिहास के पन्नों में अमर रहेगा और उनकी देशभक्ति व संघर्ष गाथा पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
