भरतपुर,कमर्जी/ कोया पुनेम गोंडवाना महासभा ग्राम इकाई कमर्जी के तत्वाधान में भरतपुर विकास खंड के ग्राम कमर्जी जिला एम सी बी छत्तीसगढ़ में महासभा के जिला अध्यक्ष तिरु. मोहन सिंह परस्ते की अध्यक्षता में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोयतुर मनोज सिंह कमरो के मुख्य अतिथि में राष्ट्रीय सचिव तिरु.विद्यासागर सिंह श्याम जी के विशिष्ट अतिथि में 05 नए फूल सखी बदने का कार्यक्रम संपन्न हुआ ।
मुख्य अतिथि तिरु. मनोज सिंह कमरो ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक व्यवस्था के तारतम्य में यदि गौर किया जाए तो फूल-सखी प्रथा ग्रामीण परिवेश में हजारों सालों से चली आ रही है ,कई समानताओं को आधार मानकर यह व्यवस्था जिसमें फूल -सखी बनने के बाद जीवन पर्यन्त उस रिस्ते को निभाया जाता है जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई भी जाति वर्ग का व्यक्ति यदि दोनों पक्ष से सहमत हैं तो फूल या सखी बन सकते हैं ऐसा होने से विभिन्न जाति समुदाय के बीच आत्मीयता बढ़ता है जो सामाजिक शौहाद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही विभिन्न जाति समुदायों के बीच समाजिक संबंधों में प्रगाढ़ता आती है ,भाईचारा और मानवता का विकास होता है ,यह प्रथा हमें विभिन्न समाज के लोगों को आपस में मिलजुलकर रहने का संदेश देता है जो भारत जैसे धर्म निरपेक्ष, पंथ निरपेक्ष राज्य के सामाजिक ढांचें को मजबूत बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ,यह समाज मे मिल जुलकर रहने आवश्यकता पड़ने पर एक -दूसरे की मदत करने ,इंसानियत को बनाये रखने में महत्वपूर्ण है ,विशिष्ट अतिथि विद्यासागर सिंह श्याम जी ने कहा कि -फूल सखी सम्मेलन में आप सभी का हार्दिक स्वागत है आप सभी सगा-पाड़ियों के अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद अत्यंत खुशी की बात है कि आज कमर्जी की धरा पर हम उपस्थित हुये हैं आप सभी से प्रत्यक्ष संवाद हुआ कार्यक्रम में उपस्थित सभी फूल-सखियों को हार्दिक शुभकामनाएं, समस्त सखी एवं सखा को मैं आदिशक्ति की ओर सादर सेवा जोहार करते हुये बधाई एवं शुभकामना देकर नए पवित्र संबंध को निरंतर अजर-अमर होते तक एवं सात जन्मों तक अपने उद्देश्य व दायित्व को पूरा करने के लिए करबद्ध होंगे इस हेतु आदिशक्ति फड़ापेन को सेवा अर्पित करता हूँ।सभा को महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राय सिंह श्याम ,प्रदेश कोषाध्यक्ष अजीत प्रताप श्याम, भरतपुर ब्लॉक अध्यक्ष शंकर सिंह नेटी, मोहन सिंह परस्ते सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया । कार्यक्रम में फड़ापेन गोंगो के पश्चात सैला डांस, स्कूली बच्चों का सैला डांस, गोंडवाना देवी गीत, बच्चों द्वारा गोंडी इतिहास ,स्वागत गीत सहित अन्य प्रकार की गतिविधियां सामाजिक चर्चा-परिचर्चा की गई ।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुंदर सिंह उइके धर्माचार्य, माया प्रताप सिंह परस्ते, चंद्रप्रताप नेटी, लाल बहादुर सिंह, कुंवर सिंह सोयाम, राय सिंह परस्ते, हरमंगल सिंह श्याम,बलदेव सिंह मरकाम,लालचंद ओर्केरा, जगभरात टेकाम, सोनसाय मरकाम, जयवीर मरकाम, छत्रपाल उइके ,गोविंद मरपच्ची, धनपति मरकाम, पतिराज मरकाम, सुखलाल मरावी,रामदेव परस्ते,कैलाश परस्ते ,उमेन्द्र सोरटीया ,मालिक चंद्र परस्ते, बहादुर मरकाम, लालदेव मरकाम, संतोष मरकाम ,कुंवर सिंह आरमोर, लालदेव मरकाम, संतोष मरकाम ,कुंवर सिंह आरमोर , बुन्देश्वर कमरो, पृथ्वी मरावी, सहित अन्य लोग मौजूद थे ।