नई दिल्ली/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने भारत में क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुशल कार्यबल तैयार करने के उद्देश्य से स्नातक स्तर पर एक समर्पित पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) का हिस्सा है और इसका लक्ष्य एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है जो छात्रों को क्वांटम प्रौद्योगिकी के सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान में महारत दिला सके।
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रोफेसर अजय के. सूद ने इस पाठ्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम छात्रों के ज्ञान को गहराई प्रदान करेगा और देश को तकनीकी उन्नति और वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा। इस पहल के तहत छात्रों को क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम संचार, क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, तथा क्वांटम सामग्री और उपकरण जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा कि यह पाठ्यक्रम छात्रों के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा। उन्होंने बताया कि इसे इंजीनियरिंग छात्रों के लिए तीसरे और चौथे सेमेस्टर से ही लागू किया जाएगा, भले ही उनके मुख्य विषय कुछ भी हों। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाठ्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण और बुनियादी प्रयोगशालाओं की स्थापना की आवश्यकता होगी।
पाठ्यक्रम की संरचना में न्यूनतम 18 क्रेडिट शामिल होंगे, जिसमें सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक शिक्षण का संतुलन होगा। एक कोर्स में तीन क्रेडिट होंगे, जिसमें प्रति सप्ताह तीन घंटे की कक्षाएं या प्रयोगशाला सत्र होंगे। इसके अलावा, एआईसीटीई के सहयोग से संकाय विकास कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे ताकि शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता का प्रशिक्षण दिया जा सके। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के तहत शिक्षण प्रयोगशालाओं का निर्माण और क्वांटम जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी. जी. सीताराम ने इसे “क्वांटम क्रांति की शुरुआत” बताते हुए कहा कि इस पाठ्यक्रम को अगले शैक्षणिक सत्र से सभी प्रमुख संस्थानों में लागू किया जाएगा।
डॉ. अजय चौधरी ने पाठ्यक्रम के साथ इंटर्नशिप कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल छात्रों के लिए लाभदायक होगी, बल्कि देश को क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक नेता बनने की दिशा में ले जाएगी।