नई दिल्ली/ केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पांडुलिपियों के संरक्षण और उनके डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए 2003 में राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (एनएमएम) की स्थापना की थी। यह मिशन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अंतर्गत संचालित होता है, जिसे पांडुलिपियों के संरक्षण, डिजिटलीकरण और दस्तावेजीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। एनएमएम के तहत डिजिटलीकृत पांडुलिपियों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म https://www.pandulipipatala.nic.in पर उपलब्ध कराया जाता है।
पांडुलिपियों के संरक्षण में तकनीकी नवाचारों और पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है। क्षरण को रोकने के लिए लेमिनेशन, पुनर्स्थापन, और अम्ल-रहितीकरण जैसे तरीकों को अपनाया गया है। साथ ही, निवारक संरक्षण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं। मिशन के तहत पांडुलिपि संसाधन केंद्र (एमआरसी) और पांडुलिपि संरक्षण केंद्र (एमसीसी) का गठन किया गया है, जो संग्रहण और संरक्षण में क्षेत्रीय और विषयगत चुनौतियों का समाधान करते हैं।यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।