Friday, January 10, 2025
Homeभारतअपनी विरासत को सहेजते हुए छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प...

अपनी विरासत को सहेजते हुए छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लें : राज्यपाल श्री रमेन डेका

रायपुर छत्तीसगढ़ /छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है और युवा राज्य ही इस राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन करता है। राज्योत्सव के आयोजन पर अपनी विरासत को बरकरार रखने और छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लें। नागरिकगणों से यह अपील राज्योत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रामेन डेका ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की।

इस मशीन पर अपनी किताब में श्री डेका ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए गौरव का दिन है। हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 24 वर्ष पूरे हो गई है और यह हम सबके लिए ऐतिहासिक क्षण है। वर्षा में हमने एक मजबूत आधार बनाया है और अपने लक्ष्य की ओर लगातार वृद्धि का संकल्प लिया है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य निर्माण का स्वप्न देखने वाले और इसके लिए संघर्ष करने वाले पुरखों को भी नामांकित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सराहना करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा जन कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री अभिनंदन के पात्र हैं। छत्तीसगढ़ में कृषि एवं ग्रामीण उद्यमों को स्थान प्रदान करने के लिए सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। ओरिएंटल, महिलाओं एवं युवाओं के उत्साह एवं कल्याण के लिए भी निरंतर पहल की जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले 23 वर्षों में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ठोस स्मारक का निर्माण हुआ है। इस दौर में राज्य की सांस्कृतिक रूप से भी एक अलग पहचान बनी है। वर्तमान में भी सांस्कृतिक समृद्धि के लिए चहुंमुखी प्रयास किये जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन हो, खनिज संसाधन हो या मानव संसाधन हो, सभी का दोहन अभी बाकी है। सामग्री के दोहन के साथ ही हमें इस पर भी गहन ध्यान देना होगा कि विकास का पैमाना क्या हो। विकास की सतत प्रक्रिया में प्रकृति के साथ संतुलन बना रहे, इस पर भी ध्यान देना होगा। हम बेरोजगार आज संकल्प लेंगे कि छत्तीसगढ़ को विकास की राह पर ले जाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करेंगे।

राज्य में क्रांति के लिए शांति जरूरी है, पिछले कुछ वर्षों से दलित हिंसा से छत्तीसगढ़ का कुछ हिस्सा प्रभावित हो रहा है। इस हिंसा को ख़त्म करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार लगातार साझा प्रयास कर रहे हैं। आशा है कि जल्द ही इस हिंसा से राज्य को मुक्ति मिलेगी और छत्तीसगढ़ में तेजी से विकास की दौड़ आगे बढ़ेगी।

गवर्नर ने सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस राज्य को अधिक से अधिक योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाए, आज एक संकल्प लें कि अपने प्रदेश की, शहर की सार्वजनिक व्यवस्थाएं, सांस्कृतिक स्मारकों की रक्षा करेंगे, उन्हें बनाए रखेंगे और दस्तावेज़ बनाएंगे। इसके लिए और भी प्रेरित करें।

 मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्योत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों ने संयुक्त मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में जन्म लिया और बड़े हुए वे लोग तब और अब के बारे में बहुत अच्छे से जानते हैं। उन्हें याद है कि किस तरह छत्तीसगढ़ में भी बार-बार अकाल पड़ा था। किसानों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ रहा था। सौभाग्य से जब अटल जी प्रधानमंत्री बने तो छत्तीसगढ़ की पीड़ा को समझाया और अलग राज्य का निर्माण किया। 24 साल पूरे हो गए हैं. छत्तीसगढ़ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कार्यक्रम में लोक कलाकारों को मुख्य स्थान दिया गया है। इसके साथ ही छाई बॉलीवुड और बॉलीवुड के कलाकारों को भी जगह मिलती है। मैं सभी कलाकारों का अभिनंदन करता हूं। हमारी कला हमारे विचारों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति इस मामले में बहुत समृद्ध है, हमारे यहां हर विधा की कला है। छत्तीसगढ़ में लोक गायन, लोक कला एवं सभी विधाओं को हमारी सरकार मान्यता दे रही है। ग्राम शिल्प स्थापित किये गये हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने तीज-त्योहारों, देव स्थानों, मड़ई मेलों को भी बचा रहे हैं। विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत संस्कृति सेल्स ही हैं। संस्कृति हमें बताती है कि विकास की दिशा क्या होनी चाहिए। मौलिक क्या होना चाहिए, सोच क्या होना चाहिए, दृष्टिकोण क्या होना चाहिए और लक्ष्य क्या होना चाहिए। प्रत्येक नागरिक का आचार-विचार और व्यवहार संस्कृति ही तय होती है और इसी तरह की सांस्कृतिक नीति के तहत सरकार को प्रेरित किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लक्ष्य के अनुसार विकसित छत्तीसगढ़ के लिए विजन दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें संस्कृति को सबसे ज्यादा तवज्जो दी गई है। संस्कृति ही समाज में शक्तियों का जन्म होता है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में बेहद समृद्ध है। पर्यटन की यहां बड़ी छुट्टियां हैं। उन्होंने कहा कि किस तरह से भगवान श्रीराम से जुड़े तीर्थों का विकास किया जा रहा है. माता शबरी और माता कौशल्या के धाम को संवारा जा रहा है। राजिम, सिरपुर, मधेश्वर, भोरमदेव, बारसूर आदि अनेक ऐतिहासिक स्थलों का विकास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिल्प कला को बचाया जा रहा है और प्रमाणित किया जा रहा है। खादी के वस्त्रों पर 25 प्रतिशत की छूट जारी की जा रही है। इन सबके साथ ही प्रदेश के परिवर्तनों की अपनी सुविधा है। संस्कृति का संरक्षण और साझा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता शामिल है। यह राज्य हमने बनाया है संवारा है और आगे भी इसे हम ही संवारेंगे।

इस पत्रिका पर छत्तीसगढ़ नैसर्गिक पर्यटन पत्रिका एवं संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘बिहनिया’ का विमोचन किया गया। इस संस्था में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा सहित अन्य रेलवे नागरिक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home