जम्मू,कश्मीर/ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह जो देश के प्रमुख मधुमेह विशेषज्ञ भी हैं, ने जम्मू में आईसीएमआर-इंडिया डायबिटीज ‘इंडियाब’ अध्ययन के आंकड़े जारी किए। यह अपनी तरह का पहला और विश्व का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है, जिसमें भारत में मधुमेह के प्रसार का आकलन किया गया है। जम्मू क्षेत्र के 10 जिलों में किए गए इस सर्वेक्षण में पाया गया कि यहां मधुमेह का प्रसार 18.9% है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। शहरी क्षेत्रों में यह दर 26.5% और ग्रामीण क्षेत्रों में 14.5% पाई गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने मधुमेह के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए चिकित्सा संस्थानों, गैर सरकारी संगठनों और मीडिया से इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह अध्ययन गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने आगे कहा कि आईसीएमआर-इंडिया डायबिटीज अध्ययन मधुमेह, प्रीडायबिटीज और अन्य मेटाबोलिक एनसीडी से जुड़े स्वास्थ्य बोझ का आकलन करने में मदद करेगा। इससे नीति-निर्माताओं, स्वास्थ्य पेशेवरों और अन्य हितधारकों को जम्मू और कश्मीर समेत पूरे देश में लक्षित उपाय विकसित करने में सहायता मिलेगी। डॉ. सिंह ने मधुमेह और अन्य गैर-संचारी रोगों से युवाओं को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उनकी ऊर्जा और क्षमता का सही उपयोग किया जा सके। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे देश में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोलने के लिए श्रेय दिया, जो रोकथाम योग्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बढ़ावा देंगे।
अध्ययन के निष्कर्षों के अनुसार, जम्मू क्षेत्र की 10.8% आबादी प्रीडायबिटीज से प्रभावित है, जो एनसीडी के बढ़ते बोझ के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाता है। इस सर्वेक्षण में जम्मू के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,520 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। सर्वेक्षण के मुताबिक, जम्मू में उच्च रक्तचाप, व्यापक मोटापा और पेट का मोटापा क्रमशः 27.1%, 41.7% और 62.7% पाया गया।