Monday, August 25, 2025
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सांसद राजकुमार रोत का बालाघाट में भव्य स्वागत, आदिवासी एकता पर दिया जोर 

बैहर, बालाघाट: राजस्थान के बांसवाड़ा से सांसद और भारत आदिवासी पार्टी के संस्थापक राजकुमार रोत का मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बैहर में भव्य स्वागत किया गया। कान्हा नेशनल पार्क के समीप गोंडवाना सामुदायिक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय ने गर्मजोशी से उनका अभिनंदन किया। 

आदिवासी समाज की एकता के लिए क्रांति का आह्वान

राजकुमार रोत जो आदिवासी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण आवाज बनकर उभरे हैं, उन्होंने ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज की एकजुटता और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज विभाजित है, और हमें इसे एकजुट करना होगा ताकि आदिवासी समुदाय की समस्याओं को राजनीतिक मंचों पर प्रमुखता से उठाया जा सके। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गैर-राजनीतिक दलों और अन्य धार्मिक आस्थाओं में बंटे हुए आदिवासियों को एकजुट करने की जरूरत है।

राजकुमार रोत ने गोंडवाना राज्य बनाने के लिए दिया समर्थन

राजकुमार रोत ने गोंडवाना प्रदेश के गठन के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज को अपनी एकता और ताकत को पहचानने की आवश्यकता है। अगर हम अपने समाज के प्रतिनिधियों को संसद और विधानसभा में भेजते हैं, तो हमारे मुद्दों को सुनने और हल करने के प्रयास किए जाएंगे। 

बैहर में गूंजा ‘एक तीर, एक कमान’ सारे आदिवासी एक समान का नारा

कार्यक्रम के दौरान बैहर के गोंडवाना सामुदायिक भवन के बाहर “देखो देखो कौन आया, गोंडवाना का शेर आया” और “एक तीर, एक कमान, सारे आदिवासी एक समान” के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। पटाखों और जय जोहार के नारों के बीच राजकुमार रोत का स्वागत किया गया। उन्हें गोंडवाना की शान और गौरव के प्रतीक “पीला गमछा” और “पीली पगड़ी” पहनाई गई। 

सांसद की अपील – समाज के सशक्तिकरण के लिए राजनीतिक नेतृत्व जरूरी

सांसद राजकुमार रोत ने सभा में कहा कि आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए राजनीतिक नेतृत्व में आना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकारें आदिवासी हितों की अनदेखी करती हैं और सिर्फ वोट बैंक के लिए कानून बनाती हैं, जिन्हें धरातल पर कभी लागू नहीं किया जाता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय को नक्सलवाद के नाम पर हमेशा निशाना बनाया जाता रहा है। राजकुमार रोत ने आदिवासी समाज के पढ़े-लिखे वर्ग और अधिकारियों से भी अपील की कि वे समाज के लिए आगे आएं और बिना डर के आदिवासी हितों की रक्षा करें। 

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित हुए आदिवासी नेता

इस कार्यक्रम में आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता, अधिकारी, कर्मचारी और युवा साथी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। सभी ने राजकुमार रोत के नेतृत्व को समर्थन दिया और उनके संघर्ष में साथ चलने का संकल्प लिया। प्रमुख रूप से उपस्थित नेताओं में शामिल थे: तिरूमाल मंशाराम मंडावी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, बैहर,  तिरू. हरनाम सिंह मेरावी, गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन, परसवाड़ा, तिरू. सकु सिंह नेताम, सचिव, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, बैहर, तिरू. हरेसिंह पुषाम, तिरू. डी.एस. मेरावी, तिरू. लक्ष्मण सिंह तिलगाम, पी.के. ताराम, तिरू. डी.एस. धुर्वे, तिरू. अंकेश मेंरावी, तिरू. कन्हैया धुर्वे, तिरू. अरविंद मरकाम, तिरू. रोशन सिंह ताराम, तिरू. हीरासिंह पुषाम, तिरू. श्याम मरकाम, तिरू. डॉ. फडिश कुशरे, तिरू. पूरन कुशरे, तिरू. तुराप पंद्रे, तिरू. कौशिकी उइके, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन इंडिया, तिरू. नंदकिशोर तेकाम, तिरू. प्रकाश धुर्वे,  तिरू. चंद्रपाल तेकाम, तिरू. प्रकाश मरकाम, तिरू. रामस्वरूप कमलेश, तिरू. केवल मेरावी, तिरू. आयसिंह मेरावी,  तिरू. शैलेन्द्र मेरावी,  डॉ. महेश धुर्वे,  तिरू. सतीश मार्को,  योगेश अरमो, भूपेन्द्र उइके, रमेश मेरावी के अलावा परसवाड़ा से सुनेश शाह उइके, युवा पत्रकार और जीएसयू अध्यक्ष, रानी दुर्गावती महाविद्यालय परसवाड़ा और सुरज वायाम सहित बालाघाट जिले के बैहर, परसवाड़ा और बिरसा के लोग भी इस भव्य कार्यक्रम में मौजूद थे।

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