बिलासपुर/ जिले के बेलतरा विकास खंड के ग्राम लिमहा में 18 सितंबर को गोंडवाना के स्वातंत्र्य और आत्मसम्मान के महायोद्धा महाराजा शंकरशाह और युवराज रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर एक प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला। गोंडवाना किला महल के सामने एक छोटे कपड़ा कारखाने की आवाज गूंज रही थी, जहां स्थानीय मातृशक्ति हथकरघा चला रही थी। प्रशिक्षित महिलाएं श्रीमती बेबी कोर्राम, संतोषी सोरठे, चम्पा रानी पोरते, और संगीता सोरठे ने ग्राम पंचायत के सहयोग से इस छोटे से कारखाने को संचालित करना शुरू किया। यह महिलाएं प्रतिदिन दस मीटर तक कपड़ा बुन रही हैं, और अन्य महिलाएं भी इस उद्यम से जुड़ रही हैं।
सरपंच श्री अमरसिंह सोरठे की विशेष भूमिका और गोंडवाना मातृशक्ति वाहिनी का यह उद्यमिता की दिशा में कदम आदिवासी समाज के लिए प्रेरणादायक है। यह प्रयास महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।