कोरबा/पाली तानाखार की आंगनबाड़ी सहायिकाओं ने विधायक तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम से पाली कार्यालय में मिलकर अपनी विभिन्न समस्याओं को सामने रखा। सहायिकाओं ने बताया कि वर्तमान में उन्हें शासन से जो मानदेय राशि दी जा रही है, वह मनरेगा के एक सामान्य मजदूर से भी कम है। महंगाई के इस दौर में मात्र ₹5000 में परिवार का गुजारा करना बेहद मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि रोजगार गारंटी योजना के तहत अकुशल मजदूरों को ₹243 प्रतिदिन की दर से मजदूरी मिलती है, जबकि आंगनबाड़ी सहायिकाओं को केवल ₹166 प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा है। सहायिकाओं ने मांग की कि उन्हें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के 80% मानदेय के बराबर राशि दी जाए, ताकि वे अपने परिवार का सही ढंग से पालन-पोषण कर सकें और अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला सकें। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में वे सुबह से लेकर देर शाम तक काम करती हैं और उन्हें किसी प्रकार का अवकाश भी नहीं मिलता। जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को ग्रीष्मकालीन अवकाश जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
आंगनबाड़ी सहायिकाएं बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए उन्हें गरम भोजन और एक अच्छा परिवेश प्रदान करती हैं, ताकि वे प्राथमिक शिक्षा के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें। विधायक तुलेश्वर मरकाम ने सहायिकाओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनकी मांगों को जायज बताया। उन्होंने कहा कि महंगाई के इस दौर में आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि एक तरफ वन विभाग के अकुशल मजदूरों को ₹399 प्रतिदिन और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ₹243 प्रतिदिन की मजदूरी दी जाती है, जबकि आंगनबाड़ी सहायिकाओं के साथ केंद्र सरकार दोहरी नीति अपना रही है। मरकाम ने आश्वासन दिया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन चलाएगी और केंद्र सरकार से आंगनबाड़ी सहायिकाओं के लिए उचित मानदेय की मांग करेगी।