Wednesday, June 11, 2025
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चिकित्सा कर्मियों को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता: कलेक्टर श्री शर्मा

बेमेतरा छत्तीसगढ़: कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सृष्टि सभाकक्ष में अस्पताल सुरक्षा समिति एवं हिंसा रोकथाम समिति की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में अस्पतालों में हाल ही में हुई घटनाओं पर चर्चा की गई, जहां सामाजिक तत्वों, मरीजों और उनके परिजनों के बीच विवाद की घटनाएं सामने आईं।

’कलेक्टर ने बताया कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशों और भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। कलेक्टर ने बेमेतरा शहर के सभी निजी अस्पतालों,नर्सिंग होम के चिकित्सकों,संचालकों के बैठक में उपस्थित ना होने पर नाराजगी व्यक्त की। अनुपस्थित चिकित्सक,संचालकों को समझ में उपस्थित होने के निर्देश दिये।’

कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने बैठक में निर्देश दिया कि चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में उनके कानूनी अधिकारों और उन्हें प्रदान किए गए संरक्षण को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में राज्य कानूनों और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं का उल्लेख, जिसमें उल्लंघन पर दंड का प्रावधान हो, प्रमुख स्थानों पर हिंदी, स्थानीय भाषा, और अंग्रेजी में प्रदर्शित होना चाहिए। इससे न केवल कर्मचारियों बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को भी इन नियमों के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा कर्मियों को समाज में विशेष सम्मान प्राप्त है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है। साथ ही, किसी भी प्रकार की हिंसा या दुर्व्यवहार के मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर श्री शर्मा ने  बैठक में कहा कि चिकित्सालयों में सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने के साथ-साथ मरीजों और उनके परिजनों के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने चाहिए, जिससे अस्पताल के वातावरण में शांति और सौहार्द बना रहे।

’बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने अस्पतालों में हिंसा रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा,’हमारी पुलिस टीम अस्पतालों में घटनाओं पर कड़ी नजर रख रही है। हम स्थानीय प्रशासन और चिकित्सा संस्थानों के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। किसी भी अस्पताल में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए हम स्थानीय पुलिस थानों में ज़रूरत के मुताबिक एक विशेष पुलिस बल तैनात की जाएगी। जो इस तरह की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करेगी।

श्री साहू ने कहा कि अस्पताल के संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना को बढ़ावा दें ताकि संदिग्ध गतिविधियों पर अस्पताल द्वारा निगरानी रखी जा सके। ताकि जरूरत पड़ने पर घटित घटना के फुटेज काम आ सकें। उन्होंने चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन से अपील की कि वे ऐसी किसी भी घटना की जानकारी पुलिस को तुरंत दें ताकि उचित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जनता से अपील की कि चिकित्सा कर्मियों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करें और किसी भी विवाद की स्थिति में कानूनी रास्ता अपनाएं, ना कि हिंसा का सहारा लें।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वाई. के. ध्रुव ने भी चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारियों पर हिंसा की घटनाएं न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं, बल्कि पूरे चिकित्सा तंत्र को बाधित करती हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा कर्मियों को प्रोत्साहित करने और उनके मनोबल को बनाए रखने के लिए उनकी सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है।

बैठक में बेमेतरा के निजी चिकित्सालय और नर्सिंग होम के संचालकों ने भी भाग लिया। उन्होंने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे अस्पतालों में सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। संचालकों ने बताया कि वे अपने संस्थानों में सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों की संख्या ज़रूरत के मुताबिक बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

साथ ही,उन्होंने मरीजों और उनके परिजनों के साथ संवाद को बेहतर बनाने के लिए विशेष काउंसलिंग सत्र आयोजित करने की योजना भी बनायेंगे। निजी अस्पताल संचालकों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि अस्पतालों में किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में पुलिस की त्वरित सहायता मिल सके, ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और चिकित्सा कर्मियों का मनोबल ऊंचा बना रहे।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत, पुलिस द्वारा नियमित पेट्रोलिंग, अस्पताल प्रबंधन के साथ संवाद, और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही, चिकित्सा कर्मियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाएगा और किसी भी हिंसा या दुर्व्यवहार की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। डीपीएम सुश्री लता बंजारे ने बैठक एजेंडा पर विस्तार से प्रकाश  डाला। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री टेकचंद अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती अंकिता गर्ग, डॉ एस. आर. चुरेंद्र, डीपीएम सुश्री  कौशल्या साहू, सहित बेमेतरा के निजी अस्पताल,नर्सिंग होम के चिकित्सक,संचालक उपस्थित थे ।

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