रायपुर छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में राज्य के विभिन्न विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन और शहरी विकास नीति से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी गई।
विकास प्राधिकरणों का पुनर्गठन
मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन के आदेश में संशोधन को मंजूरी दी। इस संशोधन के तहत राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को इन प्राधिकरणों में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इसके अलावा, संबंधित क्षेत्रों के राज्यसभा और लोकसभा सांसदों, जिला पंचायत अध्यक्षों को भी सदस्य बनाया गया है। पुनर्गठन के तहत प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को भी इन प्राधिकरणों में शामिल किया गया है। साथ ही, पहले से नियुक्त विधायकों और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।
मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से सहायता
मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्तियों और संस्थाओं को कुल 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई। यह सहायता विभिन्न जरूरतमंद व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदान की जाएगी।
शहरी विकास नीति (TDS) का अनुमोदन
शहरों के सुव्यवस्थित विकास के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ी शहरी विकास नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के अंतर्गत भूखंडों के पुनर्गठन और स्वीकृत विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य जनोपयोगी भूमि का समुचित विकास, अतिक्रमण की रोकथाम और शहरी आबादी को बेहतर नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस नीति के अंतर्गत आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक प्रयोजनों के लिए नगर विकास योजनाओं को लागू किया जा सकेगा। इससे शहरी इलाकों में तेजी से हो रहे अव्यवस्थित निर्माणों पर भी लगाम लगेगी और आधुनिक सुविधाओं का विकास होगा। आवास एवं पर्यावरण विभाग को इसके दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है।
विकास प्राधिकरणों का विस्तृत पुनर्गठन
पांचों प्रमुख विकास प्राधिकरणों में निम्नलिखित प्रमुख बदलाव किए गए हैं:
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष और क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों, सांसदों और जिला पंचायत अध्यक्षों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
- सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री अध्यक्ष और क्षेत्र के आरक्षित विधायक उपाध्यक्ष होंगे। सभी मंत्रीगण, सांसद और संबंधित जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे।
- अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री अध्यक्ष और आरक्षित विधायक उपाध्यक्ष होंगे। सभी मंत्रीगण, सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष और समाजसेवी सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
- मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री अध्यक्ष और आरक्षित विधायक उपाध्यक्ष होंगे। सभी मंत्रियों के अलावा संबंधित क्षेत्र के सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष इसमें सदस्य होंगे।
- बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री अध्यक्ष और आरक्षित विधायक उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों, सांसदों और जनजातीय जिलों के जिला पंचायत अध्यक्षों को इसमें सदस्य बनाया गया है। इन सभी निर्णयों का उद्देश्य राज्य में विकास योजनाओं को तेजी से लागू करना और जनप्रतिनिधियों का व्यापक दायरा सुनिश्चित करना है।