विहार/पटना: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पटना के कृषि भवन में किसानों के साथ एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया। इस मौके पर उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और कहा कि “कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा।” श्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्हें किसानों की सेवा का अवसर मिला है और उनके लिए यह भगवान की पूजा के समान है। उन्होंने कहा, “हम पूरी कोशिश करेंगे कि देश के किसानों का कल्याण कर सकें।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लालकिले से तीन गुना तेजी से काम करने के आह्वान का उल्लेख करते हुए, श्री चौहान ने बिहार की सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि विभाग को किसानों के कल्याण के प्रति समर्पण के लिए बधाई दी। उन्होंने बिहार के किसानों द्वारा उत्पादित मखाना, चावल, शहद, मक्का और चाय की सराहना की और कहा, “बिहार के किसानों को मैं प्रणाम करता हूँ।” केंद्रीय मंत्री ने किसानों की आय दोगुना करने के प्रधानमंत्री के अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि इसके लिए छह महत्वपूर्ण सूत्र हैं जिन पर सरकार काम कर रही है । उत्पादन बढ़ाना अच्छे बीजों के उपयोग पर जोर दिया गया है, और प्रधानमंत्री द्वारा 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज किसानों को समर्पित किए गए हैं। उत्पादन की लागत घटाना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। उत्पादन के उचित दाम, उत्पादन के उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय उत्पादन को निर्यात गुणवत्ता तक पहुँचाने पर जोर दिया गया। कृषि का विविधीकरण, परंपरागत फसलों के साथ-साथ अधिक मुनाफे वाली फसलों को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य रखा गया है। फूड प्रोसेसिंग का विकास, श्री चौहान ने बिहार के टैलेंट को भारत और विश्व स्तर पर सिरमौर बनाने के लिए नए विचारों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्राकृतिक खेती का मिशन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्राकृतिक खेती के महत्व पर जोर दिया गया, जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी और भूमि की उर्वरकता बनी रहेगी।
श्री चौहान ने इस परिचर्चा के अंत में कहा कि वे अगली बार बिहार आकर किसानों के खेतों में जाकर प्रैक्टिकल समस्याओं का भी निरीक्षण करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि “किसान के बिना दुनिया नहीं चल सकती है” और उन्होंने सभी को मिलकर काम करने का आह्वान किया।