Sunday, August 24, 2025
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों की सराहना की

 नई दिल्ली: भारत मंडपम में पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह का आयोजन किया गया। यह दिवस 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर “विक्रम” लैंडर के सफलतापूर्वक उतरने की याद में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने भाग लिया और “रोबोटिक्स चैलेंज” और “भारतीय अंतरिक्ष हैकाथॉन” के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मु ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की अद्भुत यात्रा और उसकी उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में न केवल अपनी पहचान बनाई है, बल्कि भारत के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने उन समर्पित वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने सीमित संसाधनों का उपयोग करते हुए भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रमों में से एक बनाया। राष्ट्रपति ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की असाधारण प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने मंगल मिशन और एक साथ सौ से अधिक उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण जैसे मिशनों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह उपलब्धियां इस क्षेत्र में भारत की शक्ति और क्षमता को दर्शाती हैं। 

उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण की चुनौतीपूर्ण प्रकृति पर भी जोर दिया और कहा कि अंतरिक्ष अन्वेषण न केवल मानव क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि यह वैज्ञानिक अनुसंधान और मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार भी लाता है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के विकास से स्वास्थ्य, चिकित्सा, परिवहन, सुरक्षा, ऊर्जा, पर्यावरण और सूचना प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों को लाभ मिला है। राष्ट्रपति ने इसरो द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने की सराहना की, जिससे स्टार्ट-अप की संख्या में तेज वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि एक भारतीय कंपनी ने हाल ही में सिंगल-पीस 3डी प्रिंटेड सेमी-क्रायोजेनिक इंजन से चलने वाले रॉकेट को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जो इस तरह की पहली उपलब्धि थी।

अंतरिक्ष में कचरे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमें भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने इसरो द्वारा “सुरक्षित और सतत संचालन प्रबंधन के लिए इसरो प्रणाली” सुविधा की सराहना की, जो अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों की निरंतर प्रगति सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत वर्ष 2030 तक अपने सभी अंतरिक्ष मिशनों को कचरा-मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस प्रकार पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रगति और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों को उजागर किया।

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