नई दिल्ली: भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 22 अगस्त 2024 को अपने चार दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान वाशिंगटन में भारतीय प्रवासियों से संवाद करते हुए भारत-अमेरिका संबंधों की महत्वपूर्णता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर एक ऐसी दुर्जेय ताकत बन सकते हैं, जो दुनिया में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित कर सकती है। रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं और उनके बीच का सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद पर चर्चा की और कहा कि पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता था, लेकिन आज उसकी बातें पूरे विश्व में गंभीरता से सुनी जाती हैं।
श्री सिंह ने वर्ष 2014 से पहले भारत की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि तब भारत निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली के ‘नाज़ुक पांच’ देशों में से एक था, जबकि आज भारत दुनिया की ‘शानदार पांच’ अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने फर्म की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार की रणनीतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका कोई गंभीर असर नहीं पड़ा है। रक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने में सफल रही है। उन्होंने मुद्रास्फीति के निचले स्तर पर आने और विदेशी मुद्रा भंडार के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंचने का भी जिक्र किया।
रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर जोर देते हुए उन्होंने 5,000 से ज़्यादा वस्तुओं वाली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची की अधिसूचना का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने से पहले रक्षा निर्यात 600 करोड़ रुपये था, जो अब 21,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि देश में स्टार्ट-अप्स की संख्या 2014 में लगभग 400 से बढ़कर अब 1.20 लाख हो गई है, जो सरकार की नीतियों और योजनाओं का नतीजा है। प्रधानमंत्री के विजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध राष्ट्र बनेगा। अपने संबोधन के समापन पर, रक्षा मंत्री ने अमेरिका में भारतीय समुदाय से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) की भावना के साथ पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।
श्री राजनाथ सिंह के आगमन पर दोनों पक्षों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने दो महत्वपूर्ण समझौतों – आपूर्ति प्रबंधन की सुरक्षा (एसओएसए) और संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अपनी यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री अमेरिकी रक्षा मंत्री श्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक आयोजित करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रपति के अमेरिकी सहायक श्री जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। साथ ही, वह अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ एक उच्च स्तरीय गोलमेज बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा से भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत होने की उम्मीद है।