नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और स्वतंत्रता दिवस पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें संविधान के मूल्यों को साकार करने और राष्ट्र के प्रति हमारे कर्तव्यों का निर्वहन करने की याद दिलाता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान सीजेआई ने कहा कि “पिछले 24 वर्षों से एक न्यायाधीश के रूप में, मैं अपने दिल पर हाथ रखकर कह सकता हूं कि अदालतों का काम आम भारतीयों के संघर्षों को दर्शाता है जो अपने दैनिक जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सुप्रीम कोर्ट में देश के विभिन्न हिस्सों से, चाहे वह गांव हो या महानगर, वादियों की भीड़ आती है। इसके साथ ही, सीजेआई ने वर्तमान वैश्विक घटनाओं का संदर्भ देते हुए कहा कि “हमने वर्षों पहले स्वतंत्रता की अनिश्चितता को चुना था, और आज जो हो रहा है, जैसे कि बांग्लादेश में, वह हमें स्पष्ट रूप से याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी कीमती है।
कार्यक्रम के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में सेक्युलर सिविल कोड (UCC) का जिक्र किया तो CJI डीवाई चंद्रचूड़ पीएम मोदी की बात पर मुस्कराते हुए नजर आए। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए ताकि धर्म के आधार पर हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार समान नागरिक संहिता (UCC) पर चर्चा की है और इस पर अपने आदेश भी दिए हैं ।