रायपुर छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में सैनिक स्कूलों की स्थापना की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र के हर जिले में एक सैनिक स्कूल की तर्ज पर अब छत्तीसगढ़ में भी सैनिक स्कूल खोले जा रहे हैं। रायपुर में स्थित ‘कार्डिनल वारियर्स’ नामक स्कूल इस दिशा में पहला कदम है, जहां वर्तमान में 200 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें 60 लड़कियां शामिल हैं। केंद्र सरकार की टीम द्वारा मान्यता की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और स्कूल में सैनिक स्कूल की तर्ज पर शिक्षा दी जा रही है।
अभी तक, छत्तीसगढ़ में केवल अंबिकापुर में एकमात्र सैनिक स्कूल है, जिसे सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा संचालित किया जाता है। केंद्र सरकार ने देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल खोलने की मंजूरी दी है और इसमें लड़कियों को भी शिक्षा देने की अनुमति दी गई है। सैनिक स्कूल विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें राष्ट्रीय इंडियन मिलेट्री कॉलेज (आरआईएमसी), सैनिक स्कूल, मिलेट्री स्कूल, और प्राइवेट सैनिक स्कूल शामिल हैं। आरआईएमसी देहरादून में स्थित है और इसमें हर राज्य से एक सीट होती है। सैनिक स्कूल पूरे देश में 36 हैं, जिन्हें सैनिक स्कूल सोसायटी चलाती है, और अंबिकापुर का स्कूल इनमें से एक है। मिलेट्री स्कूल पूरे देश में पांच हैं, जो रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होते हैं। महाराष्ट्र में 33 प्राइवेट सैनिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जिनमें पुणे और नासिक के स्कूल लड़कियों के लिए हैं।
सैनिक स्कूलों में सामान्य स्कूलों से अलग मानसिक और शारीरिक रूप से बच्चों की ग्रूमिंग पर जोर दिया जाता है, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास और क्षमता बढ़ती है। प्राइवेट सैनिक स्कूलों में प्रवेश के लिए हर साल भर्ती प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। कक्षा 6वीं से 12वीं तक के लिए प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की फीस सैनिक स्कूल सोसायटी द्वारा वहन की जाएगी और 50% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित होंगी। अगले साल से प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिए जाएंगे।