नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के कार्यान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत मैदानी क्षेत्रों में प्रति घर 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर व पहाड़ी राज्यों में प्रति घर 1.30 लाख रुपये की मौजूदा सहायता राशि के साथ 2 करोड़ से अधिक नए पक्के मकानों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के तहत 2024-2029 के दौरान कुल 3,06,137 करोड़ रुपये का परिव्यय किया जाएगा, जिसमें से 2,05,856 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 1,00,281 करोड़ रुपये राज्य सरकारों द्वारा योगदान किया जाएगा। इसके अलावा, 2018 की सुधारित आवास+ सूची और 2011 की सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना (एसईसीसी) की स्थायी प्रतीक्षा सूची (पीडब्ल्यूएल) में शेष पात्र परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
इस मंजूरी के तहत मार्च 2029 तक 2 करोड़ नए घरों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 10 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने की योजना है। इससे बेघर और कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित, स्वच्छ और सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के घर मिलेंगे। साथ ही, इससे लाभार्थियों की सुरक्षा, स्वच्छता और सामाजिक समावेशिता सुनिश्चित होगी।भारत सरकार ने अप्रैल 2016 में ग्रामीण क्षेत्रों में “सभी के लिए आवास” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पीएमएवाई-जी की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 35 लाख घर अभी तक अपूर्ण हैं, जिन्हें 31 मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। अब, अगले चरण में 2 करोड़ और घरों का निर्माण किया जाएगा।