नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम (सीपीपी) को मंजूरी दे दी है। 1,765.67 करोड़ रुपये के बड़े निवेश के साथ यह अग्रणी पहल भारत में बागवानी क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने के लिए तैयार है। यह कार्यक्रम जो फरवरी 2023 में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में घोषित किया गया था, पूरे देश में फलों की फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। सीपीपी का उद्देश्य किसानों को वायरस मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री प्रदान करना है, जिससे उनकी फसलों की पैदावार में वृद्धि हो और उनकी आय के बेहतर अवसर उपलब्ध हों।
कार्यक्रम के तहत पूरे भारत में नौ विश्व स्तरीय स्वच्छ पौध केंद्र (सीपीसी) स्थापित किए जाएंगे, जो उन्नत नैदानिक चिकित्सा और ऊतक संवर्धन प्रयोगशालाओं से सुसज्जित होंगे। इन केंद्रों में अंगूर, सेब, बादाम, अखरोट, खट्टे फल, आम, अमरूद, एवाकाडो, अनार और उष्णकटिबंधीय/उप-उष्णकटिबंधीय फलों की किस्में शामिल होंगी। सीपीपी के तहत स्वच्छ रोपण सामग्री के कुशल गुणन को सुनिश्चित करने के लिए नर्सरियों को व्यापक सहायता प्रदान की जाएगी और एक मजबूत प्रमाणन प्रणाली लागू की जाएगी।
स्वच्छ पौधा कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को फलों के एक अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में स्थापित करना और बागवानी क्षेत्र में व्यापक परिवर्तनकारी बदलाव लाना है। इस कार्यक्रम को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा लागू किया जाएगा।