बिलासपुर छत्तीसगढ़: जिले में गोंडवाना गोंड महासभा की जिला इकाई ने आदिवासी जमीन के गैर-आदिवासीकरण के खिलाफ न्यायालय में आपत्ति दर्ज की है। यह मामला मुंगेली जिले के ग्राम कुसुमकूड़ा का है, जहां स्थानीय निवासी श्री दयाराम पोरते ने अपनी जमीन को गैर-आदिवासी व्यक्तियों को बेचने की अनुमति के लिए आवेदन किया था। गोंडवाना गोंड महासभा के सदस्यों और आदिवासी स्टूडेंट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले पर आपत्ति जताई और तहसीलदार के समक्ष विरोध दर्ज किया। इस मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की गई है।
महासभा के सदस्यगण ने गांव कुसुमकूड़ा का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया, जहां उन्होंने दयाराम पोरते से मुलाकात की। दयाराम पोरते ने पहले भी आदिवासी जमीन को गैर-आदिवासियों को बेचने की मंजूरी प्राप्त की थी। इस विवाद में गोंड समाज के प्रमुख नेताओं की भी भूमिका चर्चा का विषय बनी हुई है। इस अभियान में प्रमुख रूप से समय सिंह गोंड, रवि मरकाम, बद्री खैरवार, घनश्याम खुशरो, शिव चरण सिदार, प्रकाश मरकाम, और अकत सिंह ध्रुव का सहयोग रहा।