Wednesday, January 8, 2025
Homeकोया पुनेम् गोंडवाना महासभाकोयतुर समुदाय की जीवनशैली से होता है पर्यावरण का संरक्षण: कमरो

कोयतुर समुदाय की जीवनशैली से होता है पर्यावरण का संरक्षण: कमरो

Manendragarh /baikunthpur: कोया पुनेम गोंडवाना महासभा इंडिया की ऑनलाइन वेबिनार गूगल मीट के माध्यम से महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोयतुर मनोज सिंह कमरो के मुख्य अतिथि में एवं राष्ट्रीय सचिव विद्यासागर सिंह श्याम की वर्चुअल उपस्थित में सम्पन्न हुई ।। कोयतुर समुदाय की जीवनशैली से होता है पर्यावरण का संरक्षण उक्त बातें महासभा की वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि तिरु. कमरो ने कही ,उन्होंने कहा कि हमारी कोयतुर समुदाय की सामाजिक व्यवस्था प्रकृति के समानांतर चलने तथा संरकच्छित व संवर्धित करने की रही है ।यही कारण है कि कोयतुर समुदाय के महान गुरु पाहन्दी पारी कुपार लिंगो जी ने सामाजिक व्यवस्था में गोत्रावली व्यवस्था को सुदृढ़ व शशक्त बनाया ,उन्होंने पंच खंड धरती का भ्रमण कर प्रकृति व भौगोलिक दशाओं को करीब से समझने की तथा अपने गहन ज्ञान व समझ का समुदाय हित मे ऐसी सामुदायिक व्यवस्था को प्रतिस्थापित किया जिससे कोयतुर समुदाय में 750सगा गोत्रों की व्यवस्था में प्रत्येक गोत्र के लोगों को 03प्रकार की जैसे 01-जीव, 02वृक्ष, 03-वनस्पति, प्रत्येक गोत्र को एक जीव एक वृक्ष और एक वनस्पति को संरकच्छित एवं संवर्द्धित करने की जिम्मेवारी सौपीं ताकि मानवता के विकास के साथ ही प्रकृति संरक्षण एवं संवर्धन भी होता रहे यही कारण है कि लोग इस व्यवस्था पर चलते रहे,आज का मानव भौतिक वादी व्यवस्था में इस कदर विकाश के दौड़ में आगे बढ़ी कि कोयतुर समुदाय भी अपनी महान सामुदायिक व्यवस्था से विमुख होने लगा ,पूरी दुनिया आज ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में आने जा रही है जिसका जिम्मेवार हमारी जीवनशैली है ,आज आवश्यता इस बात की है कि हम कैसे ग्लोबल वार्मिंग जैसी परिस्थितियों का सामना कर सकें।कोयतुर समुदाय की सामुदायिक व्यवस्था में आज भी इस समस्या से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNO) ने पर्यावरण के संरक्षण हेतु इंडिजिनियस पुपल्स की जीवनशैली का गहन अध्ययन पश्चात पाया कि पूरी दुनियां में पाए जाने वाले मूलवासी समुदायों की संस्कृति में पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है इसलिए इन समुदायों व उनकी सामाजिक ,सांस्कृतिक व्यवस्था को बचाने व बढ़ावा देने के उद्देश्य से 09 अगस्त को वर्ल्ड इंडिजिनियस पीपुल्स डे मनाने की घोषणा की । वेबिनार को संबोधित करते हुये विशिष्ट अतिथि विद्यासागर सिंह सिंह श्याम जी ने कहा विश्व मूलनिवासी दिवस की आवश्यकता हमारे भाषा ,संस्कृति एवं अधिकारों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हुई है ।हम सब मिलकर कोया पुनेम गोंडवाना महासभा के माध्यम से अपने-अपने उत्तदायित्वों का निर्वहन करते हुये भाषा संस्कृति एवं अधिकारों को संरक्षण प्रदान करना सुनिश्चित करेंगे तभी हमारे समुदाय का सर्वांगीण विकास होगा ।राजपाल सिंह नेटी जी ने कहा कि मीटिंग में नियमितता आवश्यक है प्राचीन एवं वर्तमान परिवेश के अनुसार मुख्य बिंदुओं पर बातें रखी तथा सामाजिक महत्व पर गहराई से प्रकाश डाला।कार्यक्रम का संचालन ,आभार एवं समापन महासभा छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष राय सिंह श्याम जी ने किया ।। इस अवसर पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष इंजीनियर क्षितिज सिंह पोया ,प्रदेश कोषाध्यक्ष अजित प्रताप सिंह श्याम, डॉ. कुलदीप सिंह श्याम ,एमसीबी जिलाध्यक्ष मोहन सिंह परस्ते ,ब्लॉक अध्यक्ष भरतपुर शंकर सिंह नेटी, बीरबल सिंह पोर्ते, राजपाल, राय सिंह श्याम: राजपाल सिंह नेटी, सक्रिय सदस्य सुकमा, संतलाल दुग्गा, मनेश आंचला कांकेर ,गुलाब सिंह नेताम जिला अध्यक्ष रायपुर, रपिंद्र सिंह कमरो जिला सचिव कोरिया सहित अन्य लोग मौजूद थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home