कबीरधाम: छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ के प्रांतीय आव्हान पर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से माननीयों के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इसी क्रम में आज जिला मुख्यालय कबीरधाम में डॉ. संतोष धुर्वे और गजराज टेकाम जी के नेतृत्व में माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री ओ, मंत्री आदिम जाति कल्याण विकास विभाग, सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, और सचिव स्कूल शिक्षा विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए आसकरण सिंह धुर्वे ने बताया कि छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य प्रदेश है। यहाँ के आदिवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए 09 अगस्त को शासन द्वारा सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन आदिवासी समाज अपनी आदिम संस्कृति और परम्पराओं का प्रदर्शन करते हुए प्रदेश सहित विश्व भर के 198 देशों में विभिन्न आयोजन करता है। हाल ही में, सचिव स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 09 अगस्त के दिन सभी शिक्षण संस्थानों में मेघा पालक बैठक कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। आदिवासी समाज के लिए घोषित सामान्य अवकाश के दिन शासकीय कार्यक्रम का आयोजन उनके भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कार्य प्रतीत होता है। समाज ने इस प्रकार के आदेश का विरोध करते हुए मेघा पालक सम्मलेन को किसी अन्य तिथि को कराने का ज्ञापन सौंपा है।
साथ ही छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से विश्व प्रसिद्ध भोरमदेव के इतिहास से छेड़छाड़ करते हुए पुराने साइन बोर्ड में उल्लेखित “यह मंदिर गोंड समुदाय के उपाशय भोरमदेव के नाम से प्रसिद्ध है” पंक्ति को हटाकर नए साइन बोर्ड लगाए गए हैं। इस प्रकार अपने सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर से पहचान मिटाने का कुत्सित प्रयास करने वाले के खिलाफ समाज आक्रोशित है। समाज ने जल्द ही पुराने साइन बोर्ड में उल्लिखित समस्त ऐतिहासिक जानकारी के साथ नए बोर्ड लगाने का ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है।
ज्ञापन के अवसर पर मुख्य रूप से डॉक्टर संतोष धुर्वे, प्रदेश उपाध्यक्ष गजराज सिंह टेकाम, प्रांतीय स सचिव मनोहर धुर्वे, जिला उपाध्यक्ष सुखनन्दन धुर्वे, जिला कार्यकारी अध्यक्ष आसकरण सिंह धुर्वे, जिला अध्यक्ष महिला प्रभाग मानकुंवर धूमकेति, जिला अध्यक्ष युवा प्रभाग सगनू धुर्वे, शिवकुमार धुर्वे, रामबिलास पोर्ते, कल्पना मेरावी, कुसुमलता धुर्वे, दिलीप कुमार धुर्वे, सुरेन्द्र मरकाम, नैन सिंह मेरावी, देवन धुर्वे, तुका धुर्वे, उत्तम नेताम, जागेश्वर धुर्वे, रेखु धुर्वे, उदयभान मेरावी, फागु मेरावी, कृष्णा मेरावी, मानसिंह मेरावी, और आत्मा मेरावी आदि उपस्थित रहे।