नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन नियम 2024 के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उच्चतम न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा जारी किया गया है।
सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता के व्दारा प्रस्तुत किए गए 237 याचिकाओं के बारे में बताया गया है, जिनमें से 20 आवेदन पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। न्यायालय ने केंद्र सरकार को दलीलों की सुनने के लिए नौ अप्रैल को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।
इस मामले में सोलिसिटर जनरल ने कहा कि यह नागरिकता संशोधन नियम 2024 (सीएए) किसी की नागरिकता को नहीं छीनता है और याचिकाकर्ताओं के प्रति कोई पूर्वाग्रह नहीं है। उच्चतम न्यायालय अब नौ अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई करेगा।
इस मामले में केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं के बीच एक स्थिर और गंभीर बहस चल रही है, जिसमें नागरिकता संशोधन नियम के कार्यान्वयन पर सुनवाई हो रही है। उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पहले दोनों पक्षों के दलीलें सुनी जाएंगी।