Saturday, January 11, 2025
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में वीर बाल दिवस को जोर शोर से मनाने की है तैयारी

  • 26 दिसंबर को होगा पूरे देश में वीर बाल दिवस का आयोजन व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश के प्रसारण
  • राज्य में वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में प्रतियोगिता के साथ हो रही हैं विभिन्न गतिविधियां
  • राष्ट्र निर्माण के लिए योगदान का भाव एवं देश प्रेम के मूल्यों को स्थापित करने के उद्देश्य से हो रहे कई आयोजन

Koytur Times/Raipur : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय  के निर्देश पर छत्तीसगढ़ में वीर बाल दिवस को जोर शोर से मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। इसके लिए सभी कलेक्टरों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वीर बाल दिवस के आयोजन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, पंचायत, उच्च शिक्षा और नगरीय प्रशासन विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। गतिविधियों में एनवायके, एनएसएस, एनसीसी के वालेंटियर्स से मोबिलाईजेशन में सहयोग लेने भी कहा गया है।

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों के सर्वाेच्च बलिदान और साहस की स्मृति में पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर सभी पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का प्रसारण किया जाएगा। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय द्वारा बनाई गई ऑडियो-विजुअल की स्क्रीनिंग के साथ ही वीर बाल दिवस पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन होगा और वीर बाल प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

वीर बाल दिवस के पूर्व 22 एवं 23 दिसंबर को माई भारत पोर्टल पर किशोर लड़कियों और लड़कों का पंजीकरण और गतिविधियों को पोर्टल में अपलोड कराया गया है। इस दौरान विकसित भारत हेतु शपथ लेने एवं वीर बाल प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, प्रतियोगिता में बहादुरी के विषय पर चित्रकला, पठन (सस्वर पाठ), गायन, कविता और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई।

प्रदेश में वीर बाल दिवस के अवसर पर जिला स्तर, नगर पालिका, वार्ड, ब्लॉक, ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इन गतिविधियों का उद्देश्य युवाओं और किशोरों, देश वासियों, महिलाओं में राष्ट्रनिर्माण के लिए योगदान एवं मूल्यों को स्थापित करना और सुदृढ़ बनाना है। इसके लिए गतिविधियों में विशेषकर स्वतंत्रता सेनानियों एवं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से पुरस्कृत पूर्व विजेताओं के अनुभवों को साझा किया जाएगा।

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