नई दिल्ली : दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार ने डीएवाई-एनआरएलएम के तमिलनाडु राज्य मिशन के सहयोग से “उत्पादक समूहों के प्रचार के माध्यम से महिला आर्थिक सशक्तिकरण” विषय पर चौथी परामर्शी कार्यशाला का आयोजन किया। तमिलनाडु, केरल, ओडिशा, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि सात राज्यों के प्रतिभागियों के साथ-साथ सरकारी, निजी और सामाजिक क्षेत्र के संगठनों के कुछ प्रतिष्ठित हितधारक कार्यशाला में शामिल हुए।
अपने मुख्य भाषण में, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण आजीविका, श्री चरणजीत सिंह ने सम्मिलन और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण में राज्य एसआरएलएम (राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के साथ साझेदारी करने के लिए डीएवाई-एनआरएलएम की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य एसएचजी महिलाओं के बीच आय के लिए सहयोग का एक ताना-बाना बुनना, संस्थानों के साथ साझेदारी का लाभ उठाना, सरकारी योजनाओं के साथ जुड़ना और सामूहिकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने पूरे देश में केंद्रित क्षेत्र आधारित उपयों पर जोर दिया।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए, टीएनएसआरएलएम की एसएमडी श्रीमती दिव्यद्रशिनी ने कई अंतर्दृष्टि की मदद से एजेंडा निर्धारित किया। ग्रामीण विकास मंत्रालय में उप निदेशक श्री रमन वाधवा ने अपनी प्रस्तुति में वित्त मंत्री के बजट भाषण के संदर्भ में डीएवाई-एनआरएलएम की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य इकाइयों से अपेक्षा व्यक्त की कि उद्यमों के रूप में उत्पादक समूहों को समूहों, कंपनियों, और क्लस्टर्स के रूप में बढ़ावा दें ताकि वे बड़े व्यावसायिक संगठन बन सकें।
क्षेत्रीय कार्यशाला को निम्नलिखित विषयों पर 4 पैनल चर्चाओं में विभाजित किया गया था:
- महिलाओं के स्वामित्व वाले उद्यमों के जाल को बढ़ाना।
- क्षेत्रीय हस्तक्षेप और महिला-स्वामित्व वाले उद्यमों की भूमिका।
- महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों के संघों को बढ़ावा देने की गुंजाइश।
- महिलाओं के नेतृत्व वाले स्थायी उद्यम बनाना।