गोवा : गुजराती सिनेमा को हमारे देश के अन्य क्षेत्रों और लोगों तक पहुंचाने के लिए इफ्फी जैसे और अधिक प्लेटफार्मों की आवश्यकता है। अनुभवी गुजराती अभिनेता सिद्धार्थ रांदेरिया ने कल गोवा में 54वें आईएफएफआई में फिल्म हरी ओम हरी के गाला प्रीमियर के अवसर पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बाधाओं को तोड़ना और व्यापक दर्शकों तक पहुंचना गुजराती सिनेमा के लिए समय की मांग है।
उन्होंने कहा कि गुजराती फिल्मों की सुंदरता और इसके मनोरम कथा वाचन के सार के संदर्भ में जागरूकता जगाना बहुत महत्वपूर्ण है।
अभिनेता रौनक कामदार ने 54वें आईएफएफआई में हरी ओम हरी के प्रीमियर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल के वर्षों में हिल्लारो जैसी कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित गुजराती फिल्मों को आईएफएफआई के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचने का मौका मिला है।
फिल्म हरी ओम हरी की कहानी पर बात करते हुए निर्देशक निसर्ग वैद्य ने कहा कि फिल्म की बारीकियां गुजराती समुदाय की भावनाओं से जुड़ती हैं और उनकी संस्कृति को दर्शाती हैं। इस फिल्म की भावना दर्शकों से जुड़ना और कहानी को यथासंभव वास्तविक बनाना है। हर क्षेत्र की अपनी संस्कृति होती है इसलिए वह अद्वितीय होती है। वैद्य ने कहा कि फिल्म का हास्य और मनोरंजक भाग निश्चित रूप से दर्शकों को स्क्रीन से बांधे रखेगा।