Thursday, January 9, 2025
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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने श्रीनगर के गढ़वाल में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया

    नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज 8 नवंबर 2023 को श्रीनगर के गढ़वाल में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के 11वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और संबोधित किया। 

     इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना में जन आंदोलन ने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, 1970 के दशक में शिक्षा के लिए चलाया गया जन आंदोलन आंदोलन इस क्षेत्र में विकसित जनचेतना का प्रतीक है ।

  आपको बता दे की राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 1973 में इसकी स्थापना के बाद से हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय ने समय के साथ खुद को ढाल लिया है। उन्होंने कहा कि आज जब हम महिला नेतृत्व वाले विकास की ओर बढ़ रहे हैं तो 11वें दीक्षांत समारोह का विषय ‘सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र’ इस विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को दर्शाता है।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि उत्तराखंड के लोगों ने सदैव शिक्षा को महत्व दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति लोगों का लगाव राज्य की साक्षरता दर में भी दिखता है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने हिंदी साहित्य में सुमित्रानंदन पंत से लेकर मनोहर श्याम जोशी, शिवानी, हिमांशु जोशी और मंगलेश डबराल तक कई महान प्रतिभाएं दी हैं।

     राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील राज्य है। यहां की जनता को सतत विकास और संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए अनुसंधान और नए नवाचारों की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय जरूरतों और बाधाओं को ध्यान में रखते हुए आर्थिक विकास हासिल करना और रोजगार के अवसर पैदा करना एक चुनौती और अवसर दोनों है। उन्होंने कहा कि इस राज्य का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी और भी अधिक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस विश्वविद्यालय के सभी हितधारकों को ज्ञान का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए करने का प्रयास करना चाहिए।

    राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में प्रसन्नता करते हुए कहा कि हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय इस वर्ष 1 दिसंबर को अपनी स्थापना के 50 वर्ष पूरे कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्वर्णिम यात्रा गर्व करने का अवसर है, लेकिन यह सभी हितधारकों के लिए भविष्य की योजनाएं बनाने और उन्हें सफल बनाने का संकल्प लेने का भी अवसर है।

     राष्ट्रपति ने स्नातक के छात्रों को अपनी जड़ों को न भूलने की सलाह दी और कहा की आपलोग हमेशा सत्य, ईमानदारी और निष्पक्षता जैसे अपने नैतिक मूल्यों से कभी समझौता मत करना और उन लोगों की मदद करने की पूरी कोशिश करें जो विकास यात्रा में पीछे रह गए हैं।

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