Thursday, January 9, 2025
Homeकविताएँतू अपने अधिकार समझ ले, सफल होंगे हर अटके काज : लेखक...

तू अपने अधिकार समझ ले, सफल होंगे हर अटके काज : लेखक अनिल मरावी

लेखक : अनिल मरावी

है इस धरा के कर्ज तुम पर, कुछ कर गुजरने का है वक्त आज,

तू अपने अधिकार समझ ले, सफल होंगे हर अटके काज,

ये वक्त है खुद को जगाने का, अब सीख ले कुछ नया अंदाज,

कब तक तेरे जमीं पर कोई, ठग कर तुझे करता रहेगा राज,

हितैषी नहीं कोई तेरा यहां, सो कर किसने राज किया है,

हे आदिवासी अब तो जाग, अलाप लिया है बहुतों तूने,

अपने दुश्मनों की गाथा राग, होंगे सपने पूरे भी तेरे,

करने होंगे आदतें बुरी त्याग, तू अपने लक्ष्य को पाने की,

   कोशिश करते रहना हर आज, निश्चित ही होगा यहां , 

एक नए सबेरे का सरताज, देखना वो दिन दूर नहीं,

  जब आएगा “हमर राज”।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments

MarcusTweli on Home
WilliamCen on Home
WileyCruri on Home
Williamincal on Home
JasonGef on Home
Roberthef on Home
RussellPrell on Home
Tommykap on Home
DavidMiz on Home
SonyaKag on Home