नई दिल्ली : लोक प्रशासन और प्रशासनिक सुधार में भारत-फ्रांस आशय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अगले 3 वर्षों के लिए सुशासन के क्षेत्र में भारत-फ्रांस के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों को आगे बढ़ाने कार्य किया किया जाएगा ।
भारत फ्रांस ने लोक प्रशासन और प्रशासनिक सुधार करते हुए अपना पहला आशय पत्र पर हस्ताक्षर हुए भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अंतर्गत प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग तथा फ्रांसीसी गणराज्य के सार्वजनिक क्षेत्र परिवर्तन और सिविल सेवा मंत्रालय ने अगले तीन वर्षों के लिए प्रशासन एवं प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में सहयोग हेतु आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। आज नई दिल्ली में आयोजित एक औपचारिक समारोह में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग की ओर से सचिव श्री वी. श्रीनिवास और भारत में फ्रांस के राजदूत महामहिम श्री थिएरी माथौ ने आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। हाइब्रिड मोड में आयोजित इस कार्यक्रम में विदेश मंत्रालय ने फ्रांस में भारतीय दूतावास और भारत में फ्रांसीसी दूतावास और फ्रांसीसी गणराज्य के सार्वजनिक क्षेत्र परिवर्तन व सिविल सेवा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
भारत फ्रांस के दूसरा आशय पत्र (लैटर ऑफ इंटेंट) का उद्देश्य प्रशासनिक सुधारों के साथ सुशासन से संबंधित वेबिनारों, शोध प्रकाशनों, संस्थागत आदान-प्रदान, क्षमता निर्माण से जुड़े कार्यक्रमों और सुशासन से संबंधित कार्यप्रणालियों के दोहराव पर केन्द्रित आदान-प्रदान के लिए किए जाने वाले दौरों के माध्यम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करना है। इस द्विपक्षीय सहयोग का रोडमैप आशय पत्र के तत्वावधान में स्थापित किए जाने वाले एक संयुक्त कार्य समूह द्वारा तैयार किया जाएगा। दोनों पक्ष आने वाले महीनों में उच्चस्तरीय आदान-प्रदान के माध्यम से संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए। भारतीय पक्ष ने नीतिगत सिद्धांत “अधिकतम शासन- न्यूनतम सरकार” के कार्यान्वयन के साथ अमृत काल में किए जा रहे अगली पीढ़ी के सुधारों को अपनाने से संबंधित प्रधानमंत्री श्री मोदी के दृष्टिकोण का अनुवाद प्रस्तुत किया गया, जिसके तहत प्रौद्योगिकी का उपयोग करके नागरिकों और सरकार को करीब लाते हुए भारत के सार्वजनिक संस्थानों को पूरी तरह से डिजिटल संस्थानों में बदल दिया गया है। “अधिकतम शासन-न्यूनतम सरकार” नीति की सबसे अच्छी अभिव्यक्ति “डिजिटल रूप से सशक्त नागरिक” और “डिजिटल रूप से परिवर्तित संस्थान” है। भारत की अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों में लोकप्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना के तहत योग्यता को मान्यता देना, सुशासन सूचकांक के माध्यम से शासन की बेंचमार्किंग, राष्ट्रीय ई-सेवा वितरण मूल्यांकन के माध्यम से ई-सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण शिकायत निवारण पर ध्यान देते हुए सीपीजीआरएएमएस में प्रौद्योगिकी को अपनाना शामिल है। फ्रांसीसी पक्ष ने प्रभावी लोक शिकायत निवारण, केन्द्रीय सचिवालय के डिजिटल परिवर्तन के लिए अपनाए गए सचिवालय सुधारों और पुरस्कृत सुशासन संबंधी कार्यप्रणालियों के प्रसार से संबंधित जानकारियों के आदान-प्रदान में रुचि दिखाई।