कोरबा : विगत दिनांक 29 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को मुठवा लिंगो-जंगों शक्तिपीठ लिमहागढ़ के प्रांगण में पुनालतिन्दना पंडुम “नवाखई” का कार्यक्रम किया गया । जिसमें गोंडवाना के धरोहर व पूरे गोंडवाना भू -भाग के पुजारी परधान सम्मलित हुए ।
ऐतिहासिक “गोंडी पुनेम जिसमे गोंडवाना भू-भाग में दो पुनमे माने जाते है…..
1- मुठवा पुनेम 2- कोया पुनेम : जिसमे “मुठवा पुनेम” परधानो का ज्ञानवाद जो प्रकृति प्रेम पुनेमाचार, धर्माचार, मुठवा, मुठवाल, भुमका, सेवक, पुजारी के रूप में लगभग हजारों साल पहले से चली आ रही इस रीति रिवाज को नियमित रूप से अपने जीवन का एक हिस्सा मानकर आज भी परधान उसी दशा और दिशा में चलते हुए अपने पुनेम के और गोंडवाना समाज को परधानो का “पूजनीय देव बाना” को जागरण गोंडवाना के इतिहास को बताने का काम करते आ रहे है।
उक्त इस कार्यक्रम में पूरे छत्तीसगढ़ से व खासकर बिलासपुर संभाग से अधिक से अधिक सगाजन शामिल हुए साथ ही मुठवाल धर्माचार के रूप में केपी परधान जी, प्रताप नेताम जी के साथ ही लिमहागढ़ के मुख्य मुठवाल कामेश्वर परधान जी सेवारत रहे ।