नई दिल्ली : केन्द्रीय सेवा कर्मचारियों ने केन्द्रीय सचिवालय मंच (सीएसएस फोरम) के प्रतिनिधित्व में कल केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु उर्जा और अंतरिक्ष, डाॅ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और बड़ी संख्या में पदोन्नतियों का दौर शुरू किये जाने पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के मंत्री का तहेदिल से आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही पिछले कई दशकों से बड़ी संख्या में अटके पड़े पदोन्नतियों के मामलों का पूरी तरह से निवारण कर दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि इस पहल ने विभिन्न वर्गो के कर्मचारियों में खुशी की लहर पैदा दौड़ गई है। उन्होंने इससे पहले स्वतंत्र भारत में सरकार की तरफ से अपने कर्मचारियों के लिये इस प्रकार की संवेदनशील पहल किये जाने के बारे में कभी नहीं सुना।
कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि हाल में जो पहलें हुई हैं उनसे कर्मचारी कैडर को नैतिक प्रोत्साहन मिला है और उनका उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इन कदमों से केन्द्रीय सचिवालय की उत्पादकता पर उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह सुनिश्चित करने के लिये सभी प्रयास किये हैं कि जितना अधिक संभव हो सके सरकारी नौकरियां उपलब्ध हों। यह उन्हीं का प्रयास है कि 10 लाख सरकारी नौकरियां देने के लिये रोजगार मेला श्रृंखला शुरू की गई। प्रधानमंत्री मोदी कर्मचारियों के लिये कार्यानुकूल और प्रेरणादायी परिवेश उपलब्ध कराने के लिये हर समय प्रयासरत रहते हैं।
डा. जितेंद्र सिंह ने कहा, इस तरह की परिस्थितियों में कई बार वह व्यक्तिगत तौर पर विचलित महसूस करते हैं जब वह ऐसे मामले देखते हैं कि प्रशासन के सबसे निचले पायदान पर काम करने वाले कर्मचारी 30 से 35 साल का अपना पूरा सेवा काल बिना पदोन्नति के बिता देते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात की है और कई नये उपाय किये गये है जिससे कि भविष्य में शासन के मध्यम और निचले पायदान पर यथास्थिति बने रहने से बचा जा सके।
मंत्री जी ने कहा कि कई बार यह देखना बड़ा ही दुखदायी और निराशाजनक होता है कि पदोन्नति नहीं होने की वजह से कर्मचारी एक ही ग्रेड में सेवानिवृत हो जाते हैं । पिछले नौ साल के दौरान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, सरकार विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों में लंबे समय से अटके पड़े मामलों की समय समय पर समीक्षा करती रही है। न्यायालय में लंबित होने के अलावा उंचे ग्रेड में रिक्त पदों की कमी और अन्य व्यक्तिगत मुद्दों की वजह से ये मामले पुराने समय से चले आ रहे थे।
मंत्री ने बताया कि पिछले साल भी करीब 9,000 पदोन्नतियां एक साथ की गईं और उससे पहले भी पिछले तीन सालों के दौरान डीओपीटी ने 4,000 पदोन्नतियां की हैं। राजकाज में सुगमता लाने के साथ साथ सूची में शामिल करने में निष्पक्षता के लिये सरकार ने पिछले नौ साल के दौरान प्रक्रिया में सुधार किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पदोन्नति करते समय किसी तरह की व्यक्तिपरक वरीयता दिये जाने का मामला नहीं हो अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुये प्रक्रिया को अधिक हाई-टेक बनाया गया है जिसमें कि लोगों से सीधे आमना-सामना कम से कम करने की जरूरत हो केन्द्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) से संबंधित इन कर्मचारियों की बड़ी संख्या में एक साथ पदोन्नति के आदेश पिछले कुछ महीनों के दौरान डीओपीटी में डाॅ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई कई दौर की उच्चस्तरीय बैठकों के बाद जारी किये हैं। मंत्री ने कहा कि कुछ मामलों में लंबित रिट याचिकाओं के परिणाम को ध्यान में रखते हुये कानूनी विशेषज्ञों से भी विचार विमर्श किया गया।
डीओपीटी मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने 1,600 नियमों को निरस्त कर दिया है जो कि या तो बेकार हो चुके थे अथवा समय के साथ अनुपयोगी हो गये थे।
यह सब केवल यह सुनिश्चित करने के लिये नहींे है कि जनता को प्रभावी और समय पर परिणाम मिले, बल्कि इसके लिये भी किया गया है कि कर्मचारी अपने योग्यता के अनुसार बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
सीएसएस दिवस को मान्यता देने और कैडर पुनर्गठन जैसी कुछ और मांगे थी जो कि प्रतिनिधिमंडल ने सामने रखीं।
मंत्री ने सीएसएस अधिकारियों के समर्पण भाव और मेहनत की सराहना की और उन्हें उनकी चिंताओं का समाधान करने और कामकाज की परस्थितियों में सुधार के लिये सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर आश्वासन दिया।