नई दिल्ली : राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल की 87 जातियों को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के लिये पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 16 अक्टूबर 2023 को पश्चिम बंगाल सरकार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, श्री हंसराज गंगाराम अहीर पश्चिम बंगाल की 87 जातियों को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के लिये 3 नवंबर को सुनवाई करेंगे।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने 12 सितंबर 2023 को भी पश्चिम बंगाल की 87 जातियों (78 मुस्लिम जातियां एवं 9 हिन्दू जातियां) को केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल करने के लिये सुनवाई की जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुझाये गये मापदंडों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज नहीं दिये जाने के कारण सुनवाई की अगली तारीख तक पश्चिम बंगाल सरकार से आयोग को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि फरवरी 2023 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के कोलकाता में हुई समीक्षा बैठक में राज्य सरकार ने लिखित में बताया कि पश्चिम बंगाल राज्य की सूची में शामिल 179 ओबीसी जातियों में से 118 मुस्लिम ओबीसी जातियां एवं मात्र 61 हिन्दू ओबीसी जातियां हैं।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल में आबादी के विपरीत पिछड़े वर्गों की राज्य सूची में मुस्लिम जातियों को अधिक संख्या में अधिसूचित किये जाने का संज्ञान लिया है और आयोग ने पश्चिम बंगाल में मूल ओबीसी जातियों के अधिकारों की सुरक्षा को भी गंभीरता से लिया है। इसी को ध्यान में रखते हुये, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रस्तावित 87 नई जातियां हैं, जिनमें 78 मुस्लिम एवं मात्र 9 हिन्दू जातियां शामिल हैं। इनकी समीक्षा का निर्णय आयोग ने लिया है एवं पश्चिम बंगाल सरकार से अन्य दस्तावेजों के अलावा राज्य की सूची में शामिल 87 ओबीसी जातियों का इम्पेरियल गजेटियर में वर्णन और वंशावली के साथ उन सभी जातियों का गजेटियर और वंशावली उपलब्ध कराने को कहा है, जो पहले हिन्दू थे एवं बाद में धर्मान्तरण के बाद मुस्लिम बने हैं। पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से इस संदर्भ में अभी तक राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है।