Sunday, August 3, 2025
Homeभारतडॉ. भारती प्रविण पवार ने "प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एनसीडी के एकीकरण...

डॉ. भारती प्रविण पवार ने “प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एनसीडी के एकीकरण में वृद्धि करना” विषय पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा में प्रमुख भाषण दिया

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने कल नई दिल्ली में विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2023 में प्राथमिक स्वस्थ्य देखभाल में गैर-संचारी रोगों के एकीकरण में वृद्धि करने विषय पर उच्च स्तरीय पैनल चर्चा में वर्चुअल माध्यम से अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच ऑफ्रिन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस वर्ष के विश्व स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन का विषय वैश्विक स्वास्थ्य कार्रवाई के लिए एक निर्णायक वर्ष है।

डॉ. भारती प्रविण पवार ने गैर-संचारी रोगों को कम करने में और भारत के प्रयासों के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने 75/25 पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2025 तक उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित 75 मिलियन व्यक्तियों की जांच करना और मानक स्वस्थ्य देखभाल प्रदान करना है। यह सबसे व्यापक पहल है। वैश्विक स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में गैर-संचारी रोगों का विस्तार करना है । उन्होंने कहा कि भारत के जीवन प्रत्याशा, मातृ मृत्यु दर और गैर संचारी रोगों जैसे सामाजिक संकेतकों में सुधार के लिए स्पष्ट प्रयास इस लक्ष्य की दिशा में स्पष्ट हैं। वर्ष 2023-2024 के लिए केंद्रीय बजट का परिणाम बजट दस्तावेज़ पहली बार आउटपुट संकेतक के रूप में उच्च रक्तचाप और मधुमेह उपचार को शामिल करने के लिए उल्लेखनीय है। की यह समावेशन उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए सम्मिलित सेवाओं को बढ़ाने के लिए सरकार के समर्पण को रेखांकित करता है और इन स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर बल देता है।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि गैर-संचारी रोग एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गई है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण (एनपी-एनसीडी) के लिए वर्ष 2010 में राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया था। इसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन, शीघ्र निदान, प्रबंधन और रेफरल को मजबूत करना था। आयुष्मान भारत पहल सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा (यूएचसी) प्रदान करने के लिए नीतिगत इरादे को बजटीय प्रतिबद्धता में बदल रही है, जो किसी को भी पीछे न छोड़ने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

गैर संचारी रोगों (एनसीडी) का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहल को रेखांकित करते हुए, डॉ. पवार ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) में व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (सीपीएचसी) के अंतर्गत जनसंख्या-आधारित स्क्रीनिंग (पीबीएस) लागू की है। जिसका 30 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को सामान्य एनसीडी (उच्च रक्तचाप, मधुमेह, ओरल कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) के खतरे का मूल्यांकन और जांच के लिए लक्षित किया जाता है। प्रशिक्षित अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जा रही हैं और स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणालियों के सभी स्तरों के माध्यम से रेफरल समर्थन और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी के माध्यम से भूगोल से पहुंच सकता है । जिसका लागत और दूरी की बाधाओं को दरकिनार करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी की क्षमता का लाभ उठाकर नागरिकों को गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए टेलीपरामर्श सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग से स्वास्थ्य देखभाल वितरण के सभी स्तरों पर गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के साथ-साथ स्वस्थ जीवन शैली के लिए जागरूकता मिशन मोड में की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि बीमारी के प्रबंधन से परे स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र समुदाय की भलाई और खुशहाली सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इसके अलावा हमने अन्य केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों जैसे युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के साथ भी फिट इंडिया मूवमेंट और संबंधित मंत्रालयों द्वारा की जाने वाली योग-संबंधित गतिविधियों के लिए सहयोग किया है। गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन शैली को प्रोत्साहन देने के लिए अन्य पहलों में अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस का अवलोकन और निरंतर सामुदायिक जागरूकता के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग शामिल है।

देश के प्रत्येक नागरिक तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच प्रदान करने की दिशा में सुधार में प्रौद्योगिकी की भूमिका को रेखांकित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों की पहल पर बल दिया । जिससे गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के प्रबंधन और रोकथाम में काफी सुधार हुआ है । सामान्य गैर संचारी रोगों की रोकथाम, नियंत्रण, स्क्रीनिंग और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय गैर संचारी रोग (एनसीडी) पोर्टल का उपयोग किया जा रहा है। गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए व्यक्तिगत-वार जांच और उपचार के अनुपालन की रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर इस पोर्टल के माध्यम से प्राथमिक स्तर की जानकारी एकत्र की जाती है। इसमें क्लाउड में प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक एकल अनुदैर्ध्य स्वास्थ्य रिकॉर्ड भी शामिल है । जिसे एक विशिष्ट स्वास्थ्य आईडी (एबीएचए आईडी: आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता पहचान संख्या) द्वारा पहचाना जाता है, जो डेटा उपलब्धता और सुविधाओं के बीच संबंध सुनिश्चित करते हुए देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करता है। 

डॉ. भारती प्रविण पवार ने गैर संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए भारत की समर्पित प्रतिबद्धता को दोहराते हुए और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में वैश्विक प्रयासों के लिए गहरी सराहना व्यक्त करते हुए सत्र का समापन किया। उन्होंने कहा, “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” की भावना में, भारत राष्ट्रों को सहयोग करने और सफलताओं को साझा करने की आवश्यकता पर बल देता है। यह वैश्विक स्वास्थ्य के आपसी संबंध को रेखांकित करता है, एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण की वकालत करता है जहां देश गैर संचारी रोगों (एनसीडी) द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह सहयोगात्मक प्रयास हमारे वैश्विक समुदाय की भलाई के लिए एकता और साझा दायित्व की व्यापक नैतिकता को प्रदर्शित करता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

विज्ञापन

- Advertisment -

देश

Recent Comments