गोंगपा की आरी और बसपा के हाथी के पास है सत्ता की चाबी
कमलेश गोंड/मध्यप्रदेश : चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा कर दी है । घोषणा होते ही चुनावी सरगर्मी अचानक बढ़ गई है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन कर एक साथ चुनाव लड़ रही है, ऐसे में हम तैयार रहे मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अब आगामी दिनो और 17 नवम्बर तक सिर्फ एक ही लक्ष्य रहेगा ।
हमे दादा हीरासिंह मरकाम जी के सपनों को साकार करना गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की राजनीतिक वर्चस्व में वृद्धि करना, ताकि मध्यप्रदेश / छत्तीसगढ़ के किसान, महिलाओं, युवाओं,आदिवासियों,शोषित, पीड़ित लोगो के हक अधिकार की लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक मजबूती से लड़ी जा सके, जैसे अभी तक प्रदेश के किसान, महिलाओं, युवाओं,आदिवासियों,शोषित, पीड़ित लोगो के अधिकारो के लिये लड़ रहें है | साथियों किसी की भी राजनीति की मजबूती लोकतंत्र के इस महापर्व में सफलता के आधार पर तय होती है ।
इसलिए हम संकल्प लेते है कि सभी बातो को भुलाकर छत्तीसगढ़ में 7 नवबर 2023 एवं 17 नम्बर 2023 और मध्यप्रदेश में दिनांक 17 नवंबर 2023 (मतदान) तक हम सब संगठित रूप से एकता के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एवं गठबंधन दल को सोशल मीडिया व धरातल की राजनीति में मजबूती के लिए समन्वित प्रयास करें, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के जीवन भर किये गए कामों को,संघर्ष को आमजन तक रखें और पिछले अनेक वर्षो से भारत भूमि की सड़को पर जो लड़ाई आपके पक्ष में लड़ी जा रही है प्रदेश के किसान, महिलाओं, युवाओं,आदिवासियों,शोषित, पीड़ित लोगो के लिये लड़ रही पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लिये जनता का समर्थन मांगें |
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, पार्टी संस्थापक दादा हीरा सिंह मरकाम के पद चिंन्हो पर चलकर छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ रही है, जहाँ कांग्रेस और भाजपा की नीतियों के खिलाफ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। इन राज्यों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होता आया है, लेकिन गोंडवाना पिछले कई चुनावों में तीसरा विकल्प के रूप में स्थापित है | गोंगपा का रुख अब तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन जिस तरह की तैयारियां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर सिंह मरकाम एवं आलाकमान कर रहे हैं, उससे लगता है कि गोंगपा विधानसभा चुनाव दमख़म से लड़ेगी । पार्टी गठबंधन के 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जहाँ प्रत्येक विधानसभा के उम्मीदवार में दादा हीरासिंह मरकाम खड़े रहेंगे ।
दादा हीरासिंह मरकाम अब इस दुनिया में भले ना रहे लेकिन उनका बोया हुआ बीज गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के रूप में रोपित है और आज आंदोलन का एक एक कार्यकर्ता दादा मरकाम के सपनों को साकार करने प्रयासरत है, इस कड़ी में आंदोलन की राजनितिक इकाई गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सत्ता के लिये संघर्षरत है जिसके लाखों कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव लड़ रहे है, सत्ता की लड़ाई में गठबंधन दल गोंगपा की आरी और बसपा का हाथी के चिन्ह में मतदान होगा, वही गठबंधन में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की अपनी तैयारियां पहले से ही पुख्ता रही हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में गठबंधन की सरकार बनना निश्चित है, गठबंधन दल को पूरा विश्वास है कि जनता का साथ मिलेगा और छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्य में गठबंधन दल के बिना सरकार नहीं बनेगी।
मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में कांग्रेस भाजपा को बड़ी चुनौती
गोंगपा और बसपा के गठबंधन होते ही भाजपा और कांग्रेस की पसीने छुट रही है, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार है जिनकी स्थिति दोनों राज्यों में भयावह है, दोनों प्रदेश की जनता कांग्रेस भाजपा को नकार रही है, उनके नीतियों के खिलाफ है, जिस तरह भाजपा और कांग्रेस की नीतियाँ आम आदमी को चोट कर रही है इसलिए चुनाव में स्थानीय मुद्दों के अलावा राज्य की भाजपा और कांग्रेस की नीतियों की परीक्षा होगी। प्रदेश में अंधाधुंध घोषणायों से आम जनता का कोई सरोकार तो नहीं है, लेकिन इन चीजों को प्रदेश की जनता जरुर भुनायेगी । किसान, कामगार और आम आदमी के लिए राज्यों में संचालित योजनाओं के सहारे कांग्रेस भाजपा आमने सामने होंगे तो गठबंधन दल गोंगपा और बसपा भी कांग्रेस भाजपा की सरकार न बनने को लेकर जनता के सहारे उतरेगी।
छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश में आदिवासी, दलित एवं महिलाओं के प्रति अत्याचार-अनाचार की चर्चा हर गांव में करेगी। कांग्रेस भाजपा शासन के भ्रष्टाचार की बात बताएगी। सत्ता परिवर्तन की परम्परा में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की जनता गठबंधन की सरकार को स्वीकार कर रहा है | गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी की गठबंधन, प्रदेश के विकास को गति देने वाली सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण की यात्रा का प्रमुख सहयोगी बनेगी ।चुनाव का परिणाम क्या होगा, ये आने वाले वक्त में पता चलेगा।