Sunday, August 3, 2025
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दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के लोगों को मिल रहा हैं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ

  • जिला अस्पताल में डायलिसिस करने की सुविधा से मरीजों को मिला रहा लाभ

सुकमा : शासन-प्रशासन का प्रयास है हर जरूरतमंद मरीजों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं नजदीकी स्वास्थय केंद्रों में उपलब्ध हो । जिला प्रशासन द्वारा लगातार अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि की जा रही है ताकि मरीजों को आवश्यक सुविधा प्राप्त हो सके। इस क्रम में स्वास्थ्य केंद्र अब इस जिले  के आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर नये कीर्तिमान स्थापित कर रही है। जहां सर्वसुविधायुक्त ऑपरेशन थियेटर, अत्याधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जटिल ऑपरेशन तथा अन्य उपचार को संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है।

कलेक्टर श्री हरिस. एस ने बताया कि पहले 62 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित था। वही विगत 04 वर्षों में सभी 95 उप स्वास्थ्य केन्द्र सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं। परिणामस्वरूप जिले में पहुँच विहीन दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन सुनिश्चित हो पायी है।

उन्होंने बताया कि दोरनापाल में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, वर्ष 2021-22 से पहुँच विहीन दूरस्थ क्षेत्र  चिन्तलनार एवं गोगुण्डा में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 25 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भवन निर्माण कार्य पूर्ण कर सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। साथ ही 10 उप स्वास्थ्य केन्द्र वर्तमान में भवन निर्माणाधीन है। शासन के द्वारा जगरगुण्डा में 30 बिस्तर अस्पताल के संचालन की स्वीकृति की गयी हैं। शासन के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छिंदगढ़ तथा कोन्टा को 50 बिस्तर अस्पताल में उन्नयन करने की घोषणा के परिपालन में उक्त दोनो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है।

उल्लेखनीय है कि जिले में जिला चिकित्सालय में 50 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल, 04 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 95 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हुआ ।

गत 4 साल में 94.70 फीसदी हुई संस्थागत से प्रसव – कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश सांडिया ने बताया कि जिला प्रशासन ने जिले में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए 19 स्वास्थ्य केन्द्रों में 05 बिस्तर प्रि-बर्थ वेटिंग हॉल का निर्माण किया गया। इसके साथ ही  विभिन्न शिविरों के माध्यम से लोगों को संस्थागत प्रसव हेतु जागरूक किया गया। इसका साकारात्मक परिणाम  यह रहा कि जहां वर्ष 2018 में संस्थागत प्रसव उपलब्धि 68.89 प्रतिशत था। वही जिला प्रशासन और हेल्थ विभाग के निरंतर प्रयासों से 25.81 बढ़कर वर्तमान में 94.70 फीसदी हो गयी है।

जिला अस्पताल में डायलिसिस करने की सुविधा से मरीजों को मिला रहा लाभ- सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला अस्पताल सुकमा डॉ. अभय सिंह तोमर बताते हैं कि  जिला अस्पताल में डायलिसिस सुविधा उपलब्ध होने से जिले के दूरस्थ क्षेत्र के मरीजों को सबसे ज्यादा सहूलियत हो रही है। यहां पर जिले के अलावा अन्य जिलों से भी जरूरतमंद मरीज आकर लाभान्वित हो रहे हैं। जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध होने के चलते जिले के जरूरतमंद मरीजों को राज्य के दूसरे अस्पतालों में जाकर महंगी उपचार से निजात मिली है और उनकी समय एवं धनराशि दोनों की बचत हो रही है।

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