लोगो को लगता हैं,,
आदिवासियों को कैसे पिछड़े वर्ग में डाला जाए,,
कैसे भारत देश के इतिहास से भील जाति को ही नष्ट किया जाय,,,
बहुत बढ़ा सडयंत्र रचा जा रहा है,,
हिंदू हिंदू बोलकर,, भील को भीलों के देवी देवता से ही अलग कर दिया,
भीलों के ईष्ट देव को ये लोग हिंदू हिंदू बोलकर अपनाते जा रहे हैं,,
ब्राह्मण कोई आश्मान से पैदा नहीं हुआ,,
क्षत्रिय कोई नाभी से पैदा नहीं हुआ,,
सभी मनुष्यो की उत्पति आदिमानवों से हुई है,,
और
आदिमानव में कौन आता है,,,,,,,,,,?
आदिमानवों में सबसे पहले भील बना,,
भील से ही आदिमानव बने,,
कुल मिलाकर भील ही आदिमानव था,,
पर आज के युग में पहले सन् 1975 से लगाकर
सन् 2000 तक तो सभी टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम काल्पनिक होते थे,,
जो भी फिल्मे बनती थी वह भी काल्पनिक चरित्र चित्रण पर बनती थी,,
मतलब जब सबसे पहले महाभारत रामायण बने तब भी इनको काल्पनिक घोषित किया गया था,,
पर जब से ये महाकाव्य महाभारत रामायण टीवी पर कमरे की स्क्रीन पर बनकर एडिटिंग से लगाकर कंपोजर तक काल्पनिक हुआ करते थे,,
पर धीरे धीरे टीवी के माध्यम से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र पशु पक्षी विहार इलाके अनेकों प्रकार के अंध भक्ति विश्वाश भाव ने मनुष्यो के माष्टिक पर कब्जा कर लिया,,
और मनुष्य जो टीवी में दिखाए गए भगवान की ताकत जादू टोना टोटका और ताकत को देखकर खुद कमजोर होता जा रहा है,,
जो चरित्र चित्रण करते हैं वे लोग जिंदगी के मजे ले रहे हैं,,
करोड़ो में रील बैच कर रियाल लाइफ स्टाइल को बड़े मजे से जी रहे हैं,
और लोगो को चुटिया बनाने के लिए दिनों दिन हर एक काल्पनिक घटनाओं को टीवी पर दिखा दिखा कर मनुष्यो के दीमाक को वाच कर पूरी तरह कंट्रोल करके उनको अंध भक्त बना दिया है,,
वात्विक तार्किक रूप से तो आज भी पूजनीय,
जल जंगल जमीन प्रकृति में जो भी जीवित है, वही पूजनीय है,, सूर्य चंद्रमा, धरती आश्मान ,, हवा आग ,,
यही सब पूजनीय है,
गाय बैल ,, भेड़ बकरी,, मुर्गा मुर्गी,सभी प्रकार के जानवर ,,पशु पक्षी सभी पूजनीय है,,
पर मनुष्य टीवी को देख देख कर,, उन सभी चरित्र चित्रण को ही सही मानने लग गया है,
जबकि मनुष्यो की उत्पति भील आदिमानवों में नर नारी के मिलन से ही मनुष्य जाति बढ़ती गई,,
और उसका विस्तार होता रहा,,
आज कल के लौंडे बांडे मनुष्य सन् 1980 से 2023 में जन्मे उनके लिए तो टीवी फिल्मों में जो दिखाया जाता हैं वही सत्य है,, बाकी सब काल्पनिक बाते है,,,,
सत्यता लुप्त होती जा रही है,,
और आप मतलबी दुनिया की उत्पत्ति होती जा रही है,,
आने वाले समय में,,
मनुष्यो की उत्पति भी बिना X Y के हो जायेगी,,
जिसका जीता जगता उद्धहारण गाय डोर बेड़ बकरी ,,जिनके बच्चे सिर्फ टेकनोलाजी से ही पैदा हो रहे हैं,,
वही टेकनोलाजी आज कल इंद्रा आईवीम को हर रोज टीवी पर एक एड के माध्यम से बताया और प्रचार प्रसार किया जा रहा है,,
जिन मर्दों से बच्चे पैदा नहीं होते हैं,
वो अपनी ओरत को इंद्रा आईविएम ले जाए ,, और
बच्चे ठहरवा कर ही घर आइए,,
मतलब अब मनुष्यो की उत्पति { भगवान बोले तो X Y } से नही टेक्नोलॉजी से होगी,,
(लेखक कन्हिया वसुनिया भील प्रदेश)
Mo. no.9340984190
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