रतलाम : सयुंक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय आदिवासी अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में जयस और आदिवासी परिवार के संयुक्त तत्वावधान में रतलाम जिले के आदिवासी अंचल बाजना में आदिवासी अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस अयोजन कार्यक्रम हजारों लोगों की उपस्थिति में आयोजित हुए अधिकार सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लक्ष्मण यादव और प्रोफेसर जितेंद्र मीणा सहित मध्यप्रदेश राजस्थान, गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता और वक्ताओं ने जनजातीय आदान प्रदान किए।
इस सम्मेलन में दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध जाकिर हुसैन कॉलेज के प्रोफेसर लक्ष्मण यादव ने बताया कि पूरी दुनिया में आदिवासियों की प्रथाएं परंपराएं सबसे पुरानी है, वही सबसे ज्यादा अधिकार भी मूलनिवासी होने के नाते आदिवासियों को दिए गए हैं ।लेकिन शिक्षा और जागरूकता की कमी के चलते आदिवासी समाज अपने अधिकारों से वंचित हैं । वही दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल कॉलेज के प्रोफेसर जितेन्द्र मीणा ने बताया कि दिन ब दिन आदिवासियों के ऊपर संगठित तरीके से हमले हो रहे हैं और आदिवासियों के आरक्षण, जल, जंगल, जमीन के अधिकार छीने जा रहे हैं। इसलिए सभी को एकजुट होना होगा ।
इधर इंदौर के आरटीआई कार्यकर्ता और बीआरएस नेता डॉक्टर आनंद राय ने भी मप्र में आदिवासियों पर लगातार हो रहे अत्याचार शोषण पर प्रकाश डाला, राजस्थान से आए भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगीलाल निनामा ने संविधान में वर्णित पांचवी अनुसूची को लागू करने के लिए लोकतांत्रिक तरीके का जिक्र करते हुए एक जुट रहने की सलाह दी। साथ ही अलीराजपुर से आए जयस के युवा नेता नितेश अलावा, जयस अध्यक्ष लोकेश मुजाल्दा, भील सेना प्रमुख शंकर बामनिया सहित तमाम सामाजिक कार्यकताओं ने आदिवासी अधिकार सम्मेलन में अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में जयस समर्थित जन प्रतिनिधियों सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। इस सम्मेलन कार्यक्रम का संचालन कमलेश्वर डोडियार ने किया वही आभार जिला पंचायत सदस्य शरद डोडियार ने व्यक्त किया।