Tuesday, January 7, 2025
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जशपुरनगर में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत निर्मित कुआं से रत्नाकर हो रहे हैं आर्थिक रूप से समृद्ध

  • सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने से भिंडी, फुलगोभी,हरी मिर्च, बैगन, टमाटर और बरबट्टी की कर रहें हैं खेती
  • धान और मुंगफल्ली की खेती से हो रही है अतिरिक्त आमदनी
  • कुआं निर्माण होने से दोहरी फसल का भी किसान रत्नाकर ले रहे हैं लाभ

जशपुरनगर / जनपद पंचायत फरसाबहार अंतर्गत महात्मा गांधी नरेगा कई रूपों में लोगों का जिन्दगी बदल रहा है। जरूरत के समय रोजगार देने के साथ ही कृषि कार्यों में भी सिंचाई हेतु अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत फरसाबहार के कृषक श्री रत्नाकर यादव के जमीन में निर्मित कुआं किया गया है। जिससें कृषक यादव आर्थिक रूप से समृद्धि हो रहे। कुआं निर्माण होने से पानी की सुविधा उपलब्ध हो गई है और किसान रत्नाकर अपने बाड़ी में बरबटटी एवं भिंडी की खेती करके आर्थिक आमदनी अर्जित कर रहें हैं।  

          फरसाबहार के कृषक श्री रत्नाकर यादव के जीवन में मनरेगा ऐसे ही लाभ लेकर आया है। कृषक रत्नाकर यादव ने बताया कि वे ऐसे किसी योजना की तलाश में थे। जिससे उनका सिंचाई संबंधित समस्या का हल हो सके। इसके लिए उन्होने ने अपने पडोसी श्री रघुराम (मनरेगा मेट) से संपर्क किया जिसके पश्चात् वे कार्यालय फरसाबार में कार्यक्रम अधिकारी से मुलाकात कर योजना के बारे में विस्तृत से जानकारी लिया। फिर ग्राम पंचायत प्रस्ताव के माध्यम से मनरेगा के इंजिनियर के पास प्राक्कलन हेतु जमा किया गया। उसके पश्चात जनपद कार्यालय से उच्च कार्यालय को प्रेषित किया गया। जिसके फलस्वरूप उनका कुआं निर्माण कार्य वर्ष 2021-22 में कुल 2.54 लाख स्वीकृत हुआ था। जिसमें 0.96 लाख मजदूरी तथा 1.56 लाख रूपए सामग्री का था। कुआं निर्माण से कुल 509 मानव दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ ।

          खेत के किनारे बने कुआं निर्माण से उन्हे कम बारिश की स्थिति में भी फसलों को बचाने का साधन मिल गया है। चुंकि वर्तमान में सामान्य से कम वर्षा होने के कारण भी आज उनकी फसल अच्छी स्थिति में है। कारण मनरेगा से निर्मित कुआं में पर्याप्त रूप से पानी का भराव है। श्री रत्नाकर यादव ने बताया की वर्ष 2021-22 सें उनका सिंचाई से संबंधित समस्या का समाधान हो गया है। उनका कुआं घर के नजदीक बाडी में होने के कारण वे विभिन्न साग-सब्जियों से अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे हैं। भिंडी से 6 हजार फुलगोभी से 5 हजार, हरी मिर्च से 2 हजार, बैगन से 3 हजार, टमाटर से 7 हजार, बरबट्टी से 2 हजार, एवं धान से अतिरिक्त 10 हजार तथा गर्मी के महिने में मुंगफल्ली से 20 हजार कुल 55-60 हजार की आमदनी प्राप्त हुई है। इस तरह से वे प्रत्येक वर्ष अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। उन्होने महात्मा गांधी नरेगा योजना का सराहना करते हुये अन्य ग्रामीणों से अपील किया गया है कि शासन की योजना से लाभ लेते रहना चाहिए।

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