- कलेक्टर डाॅ सिद्दीकी ने आवारा पशुओं के विस्थापन हेतु ली बैठक
- दुर्घटना से बचाव के लिए 465 पशुओं के गले में लगाए गए रेडियम बेल्ट, 1515 मवेशियों की हुई टैगिंग
सारंगढ़-बिलाईगढ़ :- जिले में सड़कों और नेशनल हाईवे में खुले घूमने वाले आवारा घुमन्तु पशुओं से निजात दिलाने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। पशुओं के गले में रेडियम बैंड लगाने और टैगिंग करने के साथ खुले में घूमने वाले पशुओं को गौशाला अथवा गौठान में विस्थापित भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में कलेक्टर डाॅ फरिहा आलम सिद्दीकी ने जनपद पंचायत, नगरपालिका और पशुपालन विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जिले में खुले में विचरण करने वाले पशुओं के गले में रेडियम बैंड और टैगिंग के कार्यों की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर डाॅ सिद्दीकी ने सभी ग्रामों में ग्राम पंचायत के सचिव एवं पशुपालन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर रोड की सतत निगरानी करने, रोड से पशुओं को हटाने के लिए ग्राम के चरवाहे को निर्देशित करने तथा पशुओं को आवारा न छोड़ने के लिए गांव में कोटवार के द्वारा मुनादी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य नगरपालिका अधिकारी के द्वारा बताया गया कि मुख्य मार्ग जहाँ आवारा पशु घूमते हैं, उनमें से नजदीक के 87 गाँवों को चिन्हित किया गया है। अभी तक जिले में 465 पशुओं के गले में रेडियम बेल्ट और 1515 पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है एवं पशुपालकों के वैचारिकी में परिवर्तन के लिए आगामी ग्राम सभाओं में पशुओं को आवारा न छोड़ने के लिए शपथ दिलाने के लिए कहा जाएगा। इसी के साथ ही पशुओं को सड़कों से गौशाला, गौठान व अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया है।
दुर्घटना की स्थिति में संबंधित पशु के मालिक के विरुद्ध होगी कार्यवाही
आवारा पशुओं के विस्थापन एवं मुख्य सड़कों में उनकी भीड़ से होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन मुस्तैद है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायत के सचिव के साथ दल के सदस्यों को घर-घर जाकर पशुपालकों से संपर्क कर पशुओं को आवारा न छोड़ने की समझाइए देने तथा न मानने पर पशुपालकों पर जुर्माना भी लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। ग्राम पंचायत के सचिव तथा पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी अधिक प्रभावित स्थानों के उपयुक्त स्थान पर लिखे जाने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनसे तत्काल संपर्क किया जा सके। साथ ही शहरी क्षेत्र में उपरोक्त अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए नगरी निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को दायित्व दिया गया है। पशुपालन विभाग के द्वारा पशुपालकों से अपील की जा रही है कि वह अपने पशुओं को अपने घर पर रखें और आवारा ना छोड़े जिससे उन्हें एवं वाहन चालकों को दुर्घटनाग्र होने से बचाया जा सके। आवारा पशुओं के कारण वाहन चालकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में संबंधित पशु के मालिक के विरुद्ध छत्तीसगढ़ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्रवाई की जाएगी।
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