Thursday, January 9, 2025
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मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई द्वारा कुल 279 पशुओं का किया गया उपचार

142 पशुओं में खुरहा-चपका रोग का किया प्रतिबंधात्मक टीकाकरण
     महासमुंद :-  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत स्थापित गौठानों एवं गौठान ग्रामों मे पशु चिकित्सा सेवा प्रदाय करने के लिए 20 अगस्त को मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई का शुभारंभ महासमुंद में किया गया। महासमुंद सहित प्रदेश के 12 जिलों की 50 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई वाहनों को हरी झंडी दिखाकर अपने गंतव्य स्थानो के लिए रवाना किया गया।
       उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि जिले को प्राप्त 05 मोबाईल चिकित्सा इकाई प्रत्येक विकासखण्ड में अपनी सेवा 21 अगस्त से निरंतर प्रदाय कर रहे है। विकासखण्ड महासमुंद के गौठान ग्राम सरेकेल व पर्थरी विकासखण्ड बागबाहरा के गौठान ग्राम पटपरपाली व सुअरमार, विकासखण्ड पिथौरा के गौठान ग्राम भुरकोनी व सोहागपुर, विकासखण्ड बसना के गौठान ग्राम नवागांव व हाड़ापथरा तथा विकासखण्ड सराईपाली के गौठान ग्राम छिबर्रा व बेलमुण्डी में पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जिसमें कुल 279 पशुओं का उपचार किया गया। औषधि वितरण 915, बधियाकरण- 40, रोगजांच-07 एवं 142 पशुओं में खुरहा-चपका रोग का प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया गया। मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई द्वारा प्रतिदिन 02 गौठानों में अपनी सेवायें प्रदाय की जा रही है, इस प्रकार माह में प्रति विकासखण्ड 50 गौठानों में सेवा प्रदाय की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई, सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। जिसमें 1 पशु चिकित्सक, 1 पैरावेट तथा 1 ड्रायवर कम हेल्पर है। उक्त मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई सर्व सुविधा संपन्न हैं। इकाई का संचालन समय सुबह 8 बजे से संध्या 4 बजे तक रहेगा।
      इस योजना का मुख्य उद्देश्य गौठान/गौठान ग्रामों में नियमित पशु चिकित्सा सेवाएं, पशु रोग जांच, प्रतिबंधात्मक टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार के साथ-साथ रोग उद्भेद को नियंत्रित करना, विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार तथा विभागीय कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता पैदा करना शामिल है। योजनान्तर्गत रायपुर में कॉल सेंटर स्थापित किया गया है, जिससे सम्पर्क हेतु टोल फ्री नंबर 1962 है। पशुपालक 1962 डायल कर कॉल सेंटर में उपस्थित पशु चिकित्सक से चिकित्सीय परामर्श एवं मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। आवश्यक होने पर कॉल सेंटर द्वारा नजदीकी विभागीय संस्था/पैरावेट तथा मोबाईल पशु चिकित्सा इकाई के संबंध में जानकारी प्रदान की जाएगी।

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